इन्दौर में राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
इन्दौर। मप्र हाई कोर्ट की इन्दौर खंडपीठ में पदस्थ न्यायमूर्ति सुश्री वंदना कसरेकर का रविवार को निजी अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने से पूर्व से ही वे किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। रविवार सुबह करीब 10.35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। रामबाग मुक्तिधाम पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
न्यायमूर्ति सुश्री कसरेकर का जन्म 10 जुलाई 1960 को हुआ था, सालों तक उन्होंने इन्दौर में सिविल मामलों में वकालात की। 25 अक्टूबर 2014 को उनकी नियुक्ति मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के रूप में हुई। 27 फरवरी 2016 को उनकी नियुक्ति स्थाई की गई। वे लंबे समय से किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान तीन दिन पहले हालत बिगड़ने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर उपचार के लिए दिल्ली ले जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन हालत अत्यंत नाजुक होने से उन्हें दिल्ली नहीं ले जाया जा सका। न्यायमूर्ति सुश्री कसरेकर अपने मिलनसार और शालीन स्वभाव के चलते विधि जगत में खासी लोकप्रिय थीं। अंतिम दिनों तक वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रकरणों की सुनवाई करती रहीं। इन्दौर में विधि जगत से जुड़े रहकर उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनी न्यायमूर्ति शुभदा वाघमारे भी अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाई थीं और पद पर रहते हुए ही उनका देहांत हुआ था। इसी तरह न्यायमूर्ति सुश्री कसरेकर भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। वे 9 जुलाई 2022 को सेवानिवृत्त होना थीं, लेकिन इसके पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर का राजकीय सम्मान के साथ रामबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कलेक्टर और हाईकोर्ट से जुड़े अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
न्यायमूर्ति सुश्री वंदना कसरेकर का कोरोना से निधन
Advertisements
Advertisements