नौ घंटे से ज्यादा गाड़ी न चलायें लोको पायलट

सिंहपुर रेल दुर्घटना के बाद जागा रेलवे बोर्ड, जारी किये सख्त निर्देश
बांधवभूमि, उमरिया
शहडोल संभाग क्षेत्र अंतर्गत बिलासपुर मण्डल के सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर गत 19 अप्रेल को तीन माल गाडिय़ों मे हुई भीषण टक्कर के बाद अब जा कर रेलवे की आंख खुली है। बोर्ड द्वारा सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि लोको पायलटों से 9 घंटे से ज्यादा ड्यूटी न ली जाय। हलांकि विशेष परिस्थिति मे उनसे अधिकतम 12 घंटे तक गाड़ी चलवाई जा सकती है। इसके लिये पायलट की अनुमति अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ दिनो से मध्यप्रदेश मे लगातार रेल हादसे हो रहे हैं। कहीं ट्रेनों में आग रही है तो कहीं टक्कर के मामले सामने आ रहे हैं। इन हादसों के पीछे लोको पायलटों से ली जा रही लंबी ड्यूटी है। दरअसल गाड़ी चला रहे ड्राइवर यानि लोको पायलट से बिना रु के कई घंटों तक काम कराया जा रहा है। इससे वे थक रहे हैं और ट्रेन एक्सीडेंट हो रहे हैं। ट्रेन हादसों की रोकथाम के लिए अब रेलवे बोर्ड ने अहम निर्णय भी लिया है। लगातार हादसों के बाद रेलवे बोर्ड ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि लोको पायलट से लगातार नौ घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं कराई जाए। विशेष हालात मे ही 12 घंटे काम लिया जाय। इसके लिए भी उनसे सहमति लेनी होगी।
रेल महाप्रबंधकों को निर्देश
सिंहपुर रेल हादसे की उच्चस्तरीय जांच मे जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे चौकाने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक मालगाड़ी चलाने वाला एक लोको पायलट 14 घंटे से भी ज्यादा समय से ड्यूटी पर था। वह थका हुआ भी था। अधिकारियों का मानना है कि संभवत: इसी वजह से ट्रेन नहीं रूक सकी और यह टक्कर हो गई। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक विद्युत अभियांत्रिकी (चल स्टाफ) किशोर वैभव ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए रेल महाप्रबंधकों को उपरोक्त निर्देश दिए गए हैं।
गनीमत थी की यात्री ट्रेन नहीं थी
विशेषज्ञों का मानना है टक्कर मालगाडिय़ों मे होने के कारण जान-माल का नुकसान कम हुआ है। यदि उस समय कहीं ट्रैक पर कोई यात्री गाड़ी होती तो इसके परिणाम की सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। उन्होने कहा कि दुर्घटना लोको पायलट की थकान के कारण होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। दरअसल यह मानवीय चूक है, जो कहीं भी और कभी भी हो सकती है।
चार दिन के बाद सामान्य हुआ परिचालन
गौरतलब है कि विगत 19 अप्रेल को सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर रेड सिग्नल के बावजूद एक गुड्स ट्रेन आगे निकल गई और सामने ट्रैक पर खड़ी दूसरी मालगाड़ी से जा टकराई। यह भिड़ंत इतनी भीषण थी के मालगाडियों के इंजिन और डिब्बे पास से गुजर रही तीसरी गाड़ी पर जा गिरे। हादसे मे एक लोको पायलट की मौत हुई थी। जबकि 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इसकी वजह से करीब 48 घंटों तक कटनी-बिलासपुर रेल खण्ड पूरी तरह बाधित रहा। करीब 4 दिन बाद स्थिति सामान्य हुई। इस दौरान यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था।

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