नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े धनशोधन मामले में मंगलवार को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। वह अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पूर्वाह्न करीब 11 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचीं। प्रियंका गांधी एजेंसी के कार्यालय में ही रुकी रहीं, वहीं राहुल तुरंत ही वहां से निकल गए। इसके कुछ देर बाद ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ के विरोध में राहुल गांधी विजय चौक पर बैठ कर धरना देने लगे। उनके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भी धरने पर बैठ गए। दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने राहुल समेत अन्य कांग्रेसियों को वहां से उठा दिया।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा यहां सभी कांग्रेसी सांसद आए। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी की बात की। पुलिस हमें यहां बैठने नहीं दे रही है। संसद के अंदर चर्चा की अनुमति नहीं है और यहां हमें गिरफ्तार कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया और किंग्सवे पुलिस कैंप में रखा गया। सोनिया गांधी (75) से पहली बार 21 जुलाई को मामले में 2 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी। तब उन्होंने एजेंसी के 28 सवालों के जवाब दिए थे। ईडी कांग्रेस द्वारा प्रमोटेड अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ का मालिकाना हक रखने वाली ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है। कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की निंदा की है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध वाला कदम करार दिया है।
सन 2013 में भाजपा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दिल्ली की एक निचली अदालत ने आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था। ईडी ने पिछले साल के अंत में धन शोधन रोकथाम कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद गांधी परिवार से पूछताछ शुरू की। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रमोटर्स और मेजारिटी शेयर होल्डर्स में से हैं। अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष के पास भी कंपनी में 38 फीसदी हिस्सेदारी है।
कांग्रेस ने कहा कि कोई गलत काम नहीं हुआ है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत स्थापित एक ‘गैर-लाभकारी कंपनी’ है। इसमें कोई मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की गई है। ईडी के अनुसार, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के पास लगभग 800 करोड़ रुपए की संपत्ति है और एजेंसी गांधी परिवार से यह समझना चाहती है कि यंग इंडियन जैसी गैर-लाभकारी कंपनी एजेएल की भूमि, भवन और अन्य संपत्तियों को किराए पर देने जैसी व्यावसायिक गतिविधियों में कैसे लगी थी।
नेशनल हेराल्ड केस में दूसरी बार ई़डी के समक्ष पेश हुईं सोनिया गांधी, पुलिस ने राहुल को हिरासत में लिया
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