160 विधायकों का मिला समर्थन, भाजपा ने किया वॉकआउट
पटना। 10 अगस्त को 8वीं बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने के 15 दिन बाद यानी 24 अगस्त को नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया। 241 सदस्यों वाली विधानसभा में उन्हें 160 विधायकों का समर्थन मिला। हालांकि सरकार के समर्थन में 165 विधायक थे, लेकिन 4 MLA गैरहाजिर रहे। वहीं डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने भी वोट नहीं डाला। विपक्षी दल भाजपा ने वोटिंग के दौरान सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा में विश्वास मत पर बहस के दौरान ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक अख्तुरल हसन ने नीतीश का समर्थन किया। AIMIM के कुल पांच विधायक थे, जिनमें से चार पहले ही RJD में शामिल हो चुके हैं। बुधवार को बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ, लेकिन पहले यह जान लीजिए कि बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार को किसने वोट दिया और किसने नहीं।
विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने को लेकर सत्ता पक्ष और भाजपा में तकरार हो गई। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी से कहा कि सदस्यों की संख्या गिन लीजिए। सत्ता पक्ष की इस मांग पर भाजपा के तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम तो वोटिंग की मांग ही नहीं कर रहे हैं, फिर गिनती क्यों? हालांकि डिप्टी स्पीकर ने काउंटिंग का निर्देश दिया, इसके विरोध में भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बिहार विधानसभा में भाजपा के अलावा तमाम दल और निर्दलीय सरकार के समर्थन में हैं।
विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर करीब तीन घंटे चर्चा हुई। इसमें JDU से दो, भाजपा से दो, RJD, AIMIM, CPI, CPM, कांग्रेस, हम, और माले के एक-एक विधायक ने भाग लिया। सबके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 20 मिनट भाषण दिया।
विधानसभा में जैसे ही CM नीतीश कुमार ने बोलना शुरू किया, वैसे ही पूर्व मंत्री और पटना के बांकीपुर से विधायक नितिन नवीन उनका विरोध करने लगे। इस पर नीतीश भड़क गए और बोले- तुम बैठ जाओ बाबू। तुम्हें नहीं पता कि तुम्हारे पिताजी से मेरे कैसे रिश्ते थे। तुम्हारे लिए मैंने वोट मांगा है। नीतीश के ऐसा कहने के बाद नितिन नवीन बैठ गए।
नीतीश कुमार से पहले डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने सदन में भाषण दिया। उन्होंने राजद नेताओं पर सेंट्रल एजेंसीज की रेड का मुद्दा उठाया। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के तीन जमाई… ED, आयकर और CBI। इस बयान पर भाजपा विधायक भड़क गए और कार्यवाही से इसे हटाने की मांग की। हालांकि खबर लिखे जाने तक सदन की कार्यवाही से इसे हटाने की सूचना नहीं मिली थी।भ्रष्टाचार के आरोपों पर तेजस्वी ने कहा- जिस मॉल को मेरा बताकर CBI रेड की बात कही जा रही है, वो मेरा है ही नहीं। वो हरियाणा के भिवानी के कृष्ण कुमार का है। इस मॉल का उद्घाटन बीजेपी सांसद ने ही किया था। भाजपा के साथ हाथ मिला लीजिए तो हरिश्चंद्र। न मिलाएं तो रेपिस्ट, क्रिमिनल, भ्रष्टाचारी।
सदन में फ्लोर टेस्ट पर वोटिंग से पहले भाजपा विधायक दल के नेता तारकिशोर प्रसाद को बोलने का मौका मिला। प्रसाद ने कहा- अकेले लड़े तो जनता ने 2 पर लाकर छोड़ा। बाजुओं में ताकत नहीं थी, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। बिहार जंगल राज की ओर बढ़ रहा है।उन्होंने आगे कहा- मुख्यमंत्री ने जनादेश का अपमान किया है। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा रखने वाले नीतीश कुमार आज तक बिहार में अपने बल पर सरकार नहीं बना पाए हैं। ऐसा दल जो बिहार में खुद की ताकत पर सरकार नहीं बना पाया, उसके नेता देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर विजय सिन्हा ने विधानसभा स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना उचित नहीं था। यह नियम के अनुकूल नहीं है। फिर भी मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।विजय सिन्हा ने आगे कहा कि वर्तमान में सरकार (JDU+BJP) ने 9 अगस्त को इस्तीफा दिया। 10 अगस्त को नई सरकार (महागठबंधन) के गठन का न्योता दिया गया। नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद स्पीकर पद छोड़ देता, लेकिन 9 अगस्त को मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया। इसी वजह से मैं इस्तीफे से पहले इसका जवाब देना चाहता था।
पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा- ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको नीतीश ने ठगा नहीं। मंत्री विजय चौधरी ने भी इसी अंदाज में जवाब दिया-दिल के अरमां आंसुओं में बह गए, हम वफा करके भी तनहा रह गए। वहीं सदन में मशहूर शायर बशीर बद्र के शेर इंसान नहीं दिखा भी पढ़े गए।