नतीजो से पहले जोड़-तोड़ की कवायद शुरू, कांग्रेस भी जुटी
भोपाल। प्रदेश की २८ सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना १० नवंबर को होगी, लेकिन बीजेपी ने परिणाम आने से पहले ही बहुमत जुटाने के लिए प्लान क्च पर काम शुरू कर दिया है। भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक एवं मंत्री भूपेंद्र सिंह से आज बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और नारायण त्रिपाठी ने मुलाकात की। तीनों नेताओं ने भूपेंद्र सिंह से अलग-अलग बंद कमरे में चर्चा की। सबसे पहले कुशवाहा मंत्री सिंह के बंगले पहुंचे। इसके बाद जब शेरा और फिर त्रिपाठी वहां पहुंचे, तो सियासी हलचल तेज हो गई। इन मुलाकातों को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि परिणाम आने के बाद जो भी स्थिति बनेगी, उस हिसाब से निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में बीजेपी के १०७ विधायक हैं और सरकार बचाए रखने के लिए केवल ९ विधायकों की जरूरत है।
उपचुनाव परिणाम से पहले
कांग्रेस की लामबंदी
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बीजेपी की सक्रियता को देखते हुए पार्टी रिस्क नहीं लेना चाहती। सभी नेता अलर्ट मोड में आ गए हैं। सभी विधायकों को भोपाल पहुंचने का संदेश भेजा गया है। कमलनाथ चाहते हैं कि उपचुनाव के परिणाम आने के बाद भी सभी विधायक एकजुट रहें। यही वजह है कि सभी विधायकों को भोपाल बुलाया गया है और ११ नवंबर को शाम ६:०० बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
जनता ने अस्वीकार की सौदेबाजी की सरकार:कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव के परिणामों के पहले भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उपचुनावों में जनता द्वारा सच्चाई का साथ देने के कारण अपनी हार को सुनिश्चित देखकर भाजपा घबरा गई है। येन-केन प्रकारेण सरकार में बने रहने के लिए सौदेबाजी और बोलियां लगाना फिर से शुरू कर दिया है। कमलनाथ ने कहा कि उनके पास कांग्रेस विधायकों और निर्दलीय विधायकों की तरफ से फोन करके ये जानकारी दी जा रही है कि भाजपा के लोग उनसे संपर्क करके तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा समझ ले कि प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी और बोलियों से बनी सरकार को अस्वीकार कर दिया है। १० नवंबर को उप चुनाव के परिणाम इस बात को सिद्ध करेंगे कि प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी की सरकार को नकार दिया है। कमलनाथ ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा ने सरकार में टिके रहने के लिए मध्य प्रदेश की पहचान और जनता के सम्मान को कलंकित करने की सौदेबाजी की, तो जनता के साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस आक्रमक आंदोलन और प्रतिरोध करेगी। किसी भी स्थिति में सौदेबाजी की सरकार को मध्यप्रदेश में स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदेश में जनता की सरकार को स्थापित करने के लिए सौदेबाजी और बोली लगाने वालों को मुहं तोड़ जवाब दिया जाएगा।