बेल्जियम में भी एक की मौत
ओस्लो। कोविड-19 से जूझ रहे नार्वे में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने के बाद 23 लोगों की जान चली जाने से वहां हड़कंप मचा है। इनमें 13 लोग ऐसे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट की वजह से हुई। इस बीच इतनी मौतों के बाद नार्वे ने अपनी वैक्सीन लगवाने की गाइडलाइन को तत्काल प्रभाव से बदल दिया है। उधर, एक अन्य यूरोपीय देश बेल्जियम के एक शख्स की फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 5 दिन बाद मौत हो गई। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह नार्वे में मौतों पर नजदीकी नजर बनाए हुए है। कोरोना वैक्सीन से 23 लोगों की मौत से हिले नार्वे ने अपनी कोरोना वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन को बदल दिया है। हालांकि इन मौतों के बाद भी नार्वे ने वैक्सीन को लगवाने काम जारी रखने का फैसला किया है। नार्वे में मारे गए सभी लोग 80 साल के ऊपर थे और नर्सिंग होम में भर्ती थे। नार्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने कहा, ‘डॉक्टरों को निश्चित रूप से सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है। जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और अंतिम सांसें गिन रहे हैं, उन्हें एक-एक करके जांच करने के बाद ही टीका लगाया जाए।’ इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वह नार्वे में मौतों को लेकर हो रही जांच पर नजर बनाए हुए है। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम नार्वे की घटनाओं पर पूरी नजर रखे हुए हैं और वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। हम सभी 23 मौतों के कारणों और उसकी परिस्थितियों की जांच पर नजदीकी से नजर रखेंगे।’ इससे पहले नार्वे ने 13 लोगों के वैक्सीन के दुष्प्रभाव से मौतों की पुष्टि की थी। हालांकि अब वैक्सीन लगवाने के बाद मरने वालों की संख्या 23 हो गई है।
नार्वे में नए साल के 4 दिन बाद फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन को लगाने का काम शुरू किया गया था। अब तक देश में 33 हजार लोगों को यह कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है। नार्वे में इस बात की पहले ही घोषणा की जा चुकी थी कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट होंगे। मैडसेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा जिससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गए। इससे आगे चलकर उनकी मौत हो गई।
मैडसेन ने जोर देकर कहा कि इस तरह के मामले दुर्लभ हैं और हजारों ऐसे मरीजों को यह टीका लगाया गया है जिन्हें हृदय से संबंधित बीमारी, डिमेन्सिया और कई अन्य गंभीर बीमारियां थीं। उन्होंने कहा कि वे अभी साइड इफेक्ट के इन मामलों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इससे चिंतित नहीं हैं। यह स्पष्ट है कि इन वैक्सीन का कुछ बीमार लोगों को छोड़कर बहुत कम खतरा है।’ नार्वे में जिन नौ मरीजों में गंभीर साइड इफेक्ट देखे गए उनमें एलर्जिक रिएक्शन, बहुत ज्यादा बेचैनी और तेज बुखार शामिल है। इस बेल्जियम में भी एक व्यक्ति की फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उन्हें 5 दिन पहले ही फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। बेल्जियम ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। मारे गए व्यक्ति की उम्र 82 साल थी और उसे स्वास्थ्य से जुड़ी कई अन्य बीमारियां थीं। अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस मौत का संबंध कहीं कोरोना वैक्सीन से तो नहीं है।
नार्वे में फाइजर कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 23 लोगों की मौत से हड़कंप
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