नारदा मामला: घेरे में आएंगे सुवेंदु समेत चार और सांसद, लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी के इंतजार में सीबीआई
कोलकाता। सीबीआई ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों फरहाद हकीम तथा सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा तथा पूर्व पार्टी नेता शोभन चटर्जी को नारद मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। नारद मामले में ये नेता कथित तौर पर एक कैमरे में रिश्वत लेते हुए कैद हुए थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हाल ही में बंगाल के चार नेताओं पर अभियोजन चलाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद एजेंसी ने अपने आरोप-पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार किया।
नारद स्टिंग मामले में सीबीआई को भाजपा नेता तथा पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद सुवेंदु अधिकारी समेत चार नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। अधिकारी ने कुछ लोगों द्वारा एजेंसी के खिलाफ लगाए गए पक्षपात करने के आरोपों को खारिज कर दिया।
अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने सुवेंदु अधिकारी, सौगत रॉय, प्रसून बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार पर अभियोजन के लिए लोकसभा अध्यक्ष से मंजूरी मांगी थी। जिस समय यह स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, उस समय चारों तृणमूल के सांसद थे। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि 2017 में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय का नाम इसमें नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोमवार की गिरफ्तारियों के बाद दावा किया था कि सीबीआई ने अधिकारी और सौगत रॉय को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक और विधायक तापस रॉय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद बदला लेने की कोशिश कर रही है।
साल 2014 में यह स्टिंग ऑपरेशन करने वाले नारद समाचार पोर्टल के संपादक मैथ्यू सैमुअल ने भी सवाल उठाया कि अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की।’ वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी के बीच इस स्तर पर सीबीआई की कार्रवाई को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।