नाम के रह जायेंगे रेल्वे स्टेशन

नाम के रह जायेंगे रेल्वे स्टेशन
अब नौरोजाबाद और चंदिया से छिना उत्कल का स्टापेज, नुमाइन्दे मौन
उमरिया। ऐसा लगता है जैसे कोरोना की आपदा रेलवे के लिये एक अवसर बन कर आई है। कटनी-शहडोल के बीच संचालित अति आवश्यक ट्रेनो को कभी इंटरलॉकिंग तो कभी रखरखाव के नाम पर रद्द करने वाले प्रबंधन के लिये महामारी वरदान साबित हो रही है। अब वह जब तक चाहे ट्रेनो को बंद रख सकता है। सांथ ही सामान्य ट्रेनो के आगे जीरो चिपका कर उन्हे स्पेशल का दर्जा देने की रणनीति भी बेहद कारगर साबित हो रही है। इससे जहां मनमाने तौर पर स्टॉपेज छीने जा सकते हैं वहीं जरूरतमंदों को मिलने वाली सारी रियायतें अपने आप खत्म हो रही हैं। बीमारी की बात है तो कोई सवाल भी नहीं खड़े कर सकता।
चंदिया-नौरोजाबाद मे नही रूकेंगी ट्रेन
हाल ही मे रेलवे ने हरिद्वार-पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस को स्पेशल बना कर चलाने की घोषणा की है। यह ट्रेन अब जिले के नौरोजाबाद और चंदिया स्टेशनो पर नहीं रूकेगी। इससे पहले जिला मुख्यालय उमरिया मे सारनाथ व बेतवा तथा चंदिया मे सारनाथ तथा नर्मदा एक्सप्रेस का ठहराव खत्म कर दिया गया है। यदि इसी तरह ट्रेनो का स्टापेज छिनता रहा तो जिले के कई स्टेशन सिर्फ नाम के अथवा मालगाड़ी को हरी झण्डी दिखाने के लिये हो कर रह जायेंगे।
ऋषिकेश तक चलेगी उत्कल
जानकारी के मुताबिक आगामी कुंभ को देखते हुए प्रशासन ने इसे हरिद्वार की बजाय पुरी से ऋषिकेश तक चलाने की घोषणा की है। यह स्पेशल गाड़ी पुरी-ऋषिकेश के बीच 27 जनवरी से 30 अप्रेल एवं ऋषिकेश-पुरी के बीच 30 जनवरी से 3 मई तक चलेगी। यह गाड़ी पुरी से 8.45 पर रवाना हो कर सायं 6.15 पर शहडोल, 7.25 पर उमरिया, 10.10 पर कटनी मुड़वारा 1 बजे निजामुद्दीन तथा रात्रि 9.50 पर ऋषिकेश पहुंचेगी। जबकि ऋषिकेश से यह प्रात: 5.50 चल कर निजामुद्दीन 11.45, कटनी मुड़वारा 2.10, उमरिया 3.45 और शहडोल 5.10 बजे पहुंचेगी।
एक-एक कर छिनती सुविधायें
ऐसे मे जबकि सारी गतिविधियां पूर्ववत हो चली हैं, रेलवे कोविड की आड़ मे अपने मंसूबों को अंजाम दिये जा रहा है। जिले के चंदिया और नौरोजाबाद मे उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव समाप्त होने से यह बात साबित भी हो रही है। इससे भी पीड़ादायक बात यह है कि रेलवे द्वारा सर्वाधिक राजस्व देने वाले क्षेत्र के लोगों से एक-एक कर सुविधायें वापस लेता जा रहा है, और जनता के वोट सो दिल्ली दरबार मे तशरीफ रखने वाले नुमाइन्दे अपने मुंह मे दही जमाये बैठे हैं।

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