विशेष अदालत ने सुनाई सजा, तीन साल मे हुआ केस का निपटारा
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019 मे एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन के मीडिया प्रभारी नीरज पाण्डेय ने बताया कि विगत 8 मई 2019 को सुबह करीब 11 बजे पीडि़ता साइकल से खेत की ओर गयी थी, परंतु जब तक वह वापस नहीं आई। काफी खोजबीन के बाद भी लडकी का कहीं पता नही चलने पर उसके पिता ने 11 तारीख को थाना कोतवाली पहुंच कर पुलिस को बताया कि ग्राम बरहटा से उसकी नाबालिक पुत्री को अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला कर ले गया है। रिपोर्ट के दूसरे दिन 12 मई को पीडिता ग्राम देवरी जिला कटनी से अभियुक्त धीरज कोल के कब्जे से दस्तयाब कर ली गई। पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन पीडि़ता अपनी भाभी को बता कर सायकल से शारदा मंदिर बरहटा के पास गई और सायकल को वही रख कर गणेश मोड के पास आ गई। जहां आरोपी धीरज कोल पहले से ही खड़ा था। धीरज कोल किशोरी को चंदिया रेल्वे स्टेशन के पार जंगल की ओर ले गया। जहां शादी का झांसा देकर पीडिता के साथ बलात्कार किया, फिर उसे अपने गांव ले गया। जहां रात्रि मे उसके साथ फिर दुष्कर्म किया गया। इसी बीच किशोरी आरोपी के घर से बाहर निकली तभी उसे किसी रिश्तेदार ने देख लिया और पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध भादवि की धारा 363, 366, 376 तथा 3, 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना एमएल वर्मा द्वारा की गयी। राज्य की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अर्चना मरावी और सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बीके वर्मा ने की। उक्त प्रकरण मे दोषसिद्ध पाये जाने और विशेष न्यायाधीश विवेक सिंह रघुवंशी की अदालत ने आरोपी धीरज कोल को धारा 363 मे 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदण्ड, 366 व 376 (2)(ढ) मे 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये का अर्थदण्ड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड का दण्डादेश पारित किया है।
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कारावास
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