पूर्व नेता प्रतिपक्ष की मांग, मुख्यमंत्री मे हस्ताक्षेप करें मुख्यमंत्री
भोपाल। मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भोपाल स्थित मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के प्रबंधन के रवैये की कड़ी निंदा की है। उन्होने कहा कि कोरोना के कारण अधूरे रह गये चार महीने के कोर्स को पूरा करने का अनुरोध करने वाले छात्रों की न्यायसंगत मांग को मानने की बजाय उन्हें निष्कासित किया जाना सर्वथा अनुचित और निंदनीय है। श्री सिंह ने बताया कि नाट्य विधा दूसरे स्कूली पाठ्यक्रम की तरह नहीं है जिसमें छात्रों को जनरल प्रमोशन देकर अगली कक्षा मे भेज दिया जाय। नाट्य विद्यालय का तो कोर्स ही एक साल का होता है जिसे 15 जुलाई 2020 को समाप्त होना था, लेकिन कोरोना की वजह से 16 मार्च को ही क्लासेस बंद कर दी गईं। सभी छात्र इस उम्मीद में थे कि उनकी चार महीने की जो क्लासे हैं, वो बाद मे लगेंगी लेकिन अचानक यह बताया गया कि इस साल के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जा रहा है, परंतु वर्तमान सत्र के छात्रों को जनरल प्रमोशन देकर नए सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित कर दिये गये। इससे छात्र नाट्य विधा के एक साल के कोर्स मे से चार महीने के प्रशिक्षण से वंचित हो जायेंगे। कुल मिला कर प्रबंधन की मनमनानी से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
अडिय़ल रवैया चिंताजनक
श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के कला जगत की पहचान पूरी दुनिया में है और यहां के कलाकारों को हमेशा सम्मान मिला है। कला को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य मे कई पुरूस्कार भी आरंभ किये गये पंरतु आज उन्हे अधिकारों से ही वंचित किया जा रहा है। नाट्य कलाकारों के साथ अडिय़ल रवैया अपनाते हुए उनके हितों पर कुठाराघात किया जाना गंभीर चिंता की बात है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस मामले मे तत्काल कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि कलाकारों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाते हुए निष्कासित छात्रों की वापसी और बचे हुए चार महीने के कोर्स को पूरा कराने के लिए संस्था को निर्देशित करें।