नहीं रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब दा

84 साल की उम्र मे हुआ निधन, 21 दिन पहले कोरोना संक्रमण के बाद हुई थी ब्रेन सर्जरी

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को ८४ साल की उम्र में निधन हो गया है।वहां पिछले कई दिनों से बीमार थे वे अस्पताल में भर्ती थे। बीते दिनों प्रणब दा कोरोना संक्रमित पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी। उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी की गई थी। प्रणब मुखर्जी साल २०१२ देश के राष्ट्रपति बने थे,२०१७ तक वहां राष्ट्रपति रहे। साल २०१९ में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। प्रणब दा को खराब स्वास्थ्य के कारण १० अगस्त को दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी।

राष्ट्रपति सहित कई दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोङ्क्षवद ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। रामनाथ कोङ्क्षवद ने ट्वीट में लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनका जाना एक युग का अंत है। प्रणब मुखर्जी ने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है। राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई दिग्गजों ने श्री मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पीएम मोदी ने व्यक्त किया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे। जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है। वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे। रक्षामंत्री राजनाथ ङ्क्षसह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था।उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था। राजनाथ ङ्क्षसह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की।प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।
पिछले साल मिला था भारत रत्न
प्रणब को पिछले साल भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। बेटी शॢमष्ठा ने ट्विटर पर लिखा कि पिछले साल ८ अगस्त मेरे लिए सबसे खुशी का दिन था, क्योंकि उस दिन मेरे पिता को भारत रत्न से नवाजा गया था। उसके ठीक एक साल बाद १० अगस्त को उनकी तबीयत खराब और गंभीर हो गई।
क्लर्क रहे, कॉलेज मे भी पढ़ाया
प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में ११ दिसंबर १९३५ को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल में क्लर्क भी रहे। १९६३ में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे।
1969 मे शुरू हुआ राजनीतिक सफर
प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरूआत १९६९ में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। १९६९ में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद १९७५, १९८१, १९९३ और १९९९ में राज्यसभा के लिए चुने गए।

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