नवरात्रि पर पीएम मोदी ने अहमदाबाद को दी खास भेंट, मेट्रो ट्रेन सेवा का किया लोकार्पण

अहमदाबाद| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में आरंभ हुई इस वंदे भारत ट्रेन को पहली बार ‘KAVACH’ (ट्रेन कोलाइज़न एवॉइडेंस सिस्टम) टेक्निक के साथ लॉन्च किया गया है। इस टेक्निक की मदद से दो ट्रेनों के बीच आमने-सामेन होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। इस टेक्निक को देश में ही विकसित किया गया है, जिसके कारण इस पर ख़र्च भी बहुत कम आया है। दिल्ली के दो रूट पर बड़ी सफलता के बाद भारत की प्रथम स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन अब गुजरात की पटरियों पर भी चलती दिखाई देगी। कुछ दिन पहले ही गुजरात में वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल भी किया गया था। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 के बजट में 2000 किलोमीटर तक रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के अंतर्गत लाने की योजना के विषय में घोषणा की गई थी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च-2022 में इसका सफल निरीक्षण भी किया था। स्वदेशी सेमी हाई स्पीड नाम से विख्यात यह ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक की रफ़्तार केवल 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती है। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधा के लिए स्लाइडिंग फ़ूटस्टेप्स के अलावा टच-फ़्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग द्वार भी लगाए गए हैं। इस ट्रेन में एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम तथा कंट्रोल सेंटर व मेंटेनेंस स्टाफ़ के साथ कम्युनिकेशन एवं फ़ीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक टेक्निक का उपयोग किया जाता है। वंदे भारत एक्सप्रेस में दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रकार के शौचालय एवं आम यात्रियों के लिए टच-फ़्री एमेनिटीस वाले बायो वैक्यूम टॉयलेट्स की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार दिव्यांग यात्रियों कीसुविधा के लिए सीटों में ब्रेल लिपि में सीट संख्या भी उकेरी गई है, जिससे ऐसे यात्री अपनी सीटों तक सरलता से पहुँच सकें। आधुनिक तकनीक की बात करें, तो वंदे भारतएक्सप्रेस ट्रेन में अधिक अच्छे नियंत्रण प्रबंधन के लिए लेवल-II सेफ़्टी इंटीग्रेशन सर्टिफ़िकेशन, कोच के बाहर रीयर व्यू कैमरा सहित 4 प्लेटफ़ॉर्म साइड कैमरा, सभी कोचेस में एस्पिरेशन आधारित फ़ायर डिटेक्शन एवं सप्रेशन सिस्टम तथा इलेक्ट्रिकल क्यूबिकल्स और शौचालयों में एरोसोल आधारित फ़ायर डिटेक्शन एंड सप्रेस सिस्टम जैसे श्रेष्ठ अग्निशामक उपाय किए गए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारत में रेल यात्रा के एक नए युग का शुभारंभ किया है। केवल 100 करोड़ रुपए के ख़र्च से बनने वाली यह ट्रेन समान सुविधाओं वाली आयातित ट्रेन की तुलना में लगभग आधे ख़र्च में बन कर तैयार हो जाती है। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ट्रेन के मुख्य सिस्टम को भारत में डिज़ाइन एवं निर्मित किया गया है।

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