एक्सप्रेस बन कर चली चिरीमिरी और रीवा बिलासपुर ट्रेन, जनता की फजीहत
बांधवभूमि, उमरिया
कोरोना काल से बंद हुई ट्रेनो का संचालन लगातार विवादों मे बना हुआ है। कहीं स्टापेज समाप्त और छूटबंदी तो कहीं ट्रेनो को रद्द किये जाने के बाद अब गरीब तबके की गाडिय़ों को एक्सप्रेस बना कर चलाने का मामला चर्चाओं मे है। बताया गया है कि रेलवे द्वारा रीवा से चिरीमिरी के बीच चलने वाली ट्रेन को फिर से संचालित किया जा रहा है। इसके लिये नया रैक पटरियों पर उतारा गया है, यह सुन कर यात्रियों को थोड़ा अच्छा महसूस हुआ था, परंतु थोड़ी ही देर मे पता चल गया कि इस ट्रेन को भी पैसेंजर से एक्सप्रेस बना दिया गया है। जानकारों का मानना है कि लोगों को इस ट्रेन मे सफर करने के लिये अब दोगुना किराया देना होगा। इसी तरह बिलासपुर से रीवा के बीच चलने वाली ट्रेन को भी एक्सप्रेस बना दिया गया है। हलांकि यह ट्रेन फिलहाल उमरिया जिले के किसी भी स्टेशन पर नहीं रूक रही है।
पहले डेली अब सप्ताह मे तीन दिन चलेगी गाड़ी
इतना हीं नहीं सब कुछ नया दिखाने के फेर मे रेलवे ने चिरमिरी-रीवा-चिरमिरी का नंबर बदल कर 11751-11752 कर दिया है। पहले यह गाड़ी प्रतिदिन चलती थी, परंतु अब इसके फेरे घटा कर तीन दिन आना और तीन दिन जाना कर दिया गया है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक रीवा-चिरमिरी एक्सप्रेस चिरमिरी से प्रत्येक मंगल, गुरू और शनिवार को चलेगी। जबकि रीवा से यह सोम, बुध तथा शुक्रवार को खुलेगी।
कोरोना की आड़ मे हुआ खेल
ऐसे दौर मे जब हर क्षेत्र मे सुविधायें बढ़ाने की कवायद चल रही है, रेलवे इसमे कटौती करने की हर संभव कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि रेलवे हमेशा से वेलफेयर के लिये जाना जाता रहा है, परंतु अब सरकार की नई नीति के कारण विभाग की मानसिकता व्यवसायिक हो चली है। बताया जाता है कि इसी पॉलिसी के चलते उन स्टेशनो से ठहराव खत्म किये जा रहे हैं, जहां टिकटों की बिक्री तय मापदंड से कम है। लगे हांथ कोराना की आड़ मे वरिष्ठजनो, गंभीर बीमरियों से ग्रसित सहित अन्य वर्गो को मिलने वाली रियायतें भी खत्म कर दी गई।
गुड्स थ्रू, यात्री ट्रेनो पर अड़ंगा
बात यहां तक खत्म नहीं होती। सरकार की इसी नीति के चलते यात्री ट्रेनो की बजाय गुड्स के संचालन को महत्व दिया जा रहा है। यही कारण है कि कटनी-बिलासपुर मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनो को घंटों लेट चलाया जा रहा है। वहीं उमरिया जैसे जिला मुख्यालय के स्टेशन पर वर्षो से ठहरने वाली छपरा-दुर्ग सारनाथ, कानपुर-दुर्ग बेतवा तथा रीवा-बिलासपुर जैसी महत्वपूर्ण गाडिय़ों का स्टापेज अभी तक नहीं दिया गया है।
नये कोच, नये फेरे, नया किराया
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