नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कश्मीर के नगरोटा में हुए एनकाउंटर पर रिव्यू मीटिंग की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसियों के टॉप अफसर मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह बात सामने आई है कि एनकाउंटर में मारे गए जैश के आतंकी 26/11 की बरसी पर बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। मीटिंग में मोदी ने कहा- आतंकियों के मारे जाने से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे नाकाम हो गए हैं। पीएम ने सुरक्षाबलों की सतर्कता की भी तारीफ की। उन्होंने कहा- पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों के मारे जाने से एक बड़ी साजिश नाकाम हुई है। आतंकियों से बरामद हथियारों का जखीरा देखकर साफ है कि वे जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे पाले हुए थे।
आतंकियों ने चुनाव से पहले हमले की प्लानिंग की थी
सूत्रों ने बताया कि ये आतंकी प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं। इन्होंने हाल ही में भारत में घुसपैठ की थी। इस हमले के लिए इन्होंने पुरानी रणनीति को ही अपनाया था। हालांकि, गुरुवार को जम्मू जोन के IG मुकेश सिंह ने बताया था कि ये आतंकी जिला परिषद के चुनाव से पहले बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। ये चुनाव 28 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच 8 फेज में कराए जाने हैं। काउंटिंग 22 दिसंबर को होनी है।
शकरगढ़ से भारतीय सीमा में दाखिल हुए आतंकी
सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार सुबह ट्रक में छिपकर आ रहे जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादियों को मार गिराया था। सुरक्षा अधिकारियों ने भास्कर को नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया है कि आतंकवादी शकरगढ़ से भारत में दाखिल हुए। यहां पाकिस्तानी रेंजर्स का हेडक्वार्टर है और घुसपैठ में उनकी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आतंकियों के मोबाइल से मिले नंबरों की जांच
सिक्योरिटी से जुड़े सूत्रों ने भास्कर को बताया कि आतंकवादी गुरुवार रात पहाड़ी नालों के जरिए साम्बा और हीरानगर के बीच नेशनल हाईवे पर पहुंचे थे। ये ट्रक में तड़के करीब 3 बजे के आसपास बैठे।पाकिस्तान के सियालकोट में मौजूद लॉन्चपैड से इन आतंकवादियों की मदद की गई। यहां उनका हैंडलर मो. रऊफ था। रऊफ सियालकोट के जैश मॉड्यूल का सरगना है। पुलिस को आतंकियों के मोबाइल से कुछ नंबर मिले हैं, इनकी जांच की जा रही है।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ था आतंकी हमला
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने कई जगह हमले किए थे। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये आतंकी कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे थे और इन्होंने इसके लिए कुबेर नाम की नाव (KUBER PBR 2302) का इस्तेमाल किया था। आतंकियों ने नाव में सवार सभी लोगों की हत्या करके उस पर कब्जा कर लिया था। हमले में शामिल आतंकवादी कसाब ने पूछताछ में कबूल किया था कि वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तानी ट्रॉलर अल हुसैनी से मुंबई के लिए निकला था। हमले का दोषी करार दिए जाने के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 को पुणे की येरवडा जेल में फांसी दी गई थी और वहीं दफन कर दिया गया था।