देहरादून। पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनियता की शपथ ली। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने धामी और उनके मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई। उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनकर धामी ने रिकॉर्ड बनाया है। 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा हाईकमान ने उन्हें रिपीट करने का फैसला लिया है।
धामी के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों के नाम भी ऐलान किया, जिनमें सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शपथ ली। सितारगंज से विधायक सौरभ बहुगुणा और बागेश्वर विधायक चंदन राम पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व कई वीवीआईपी की मौजूदगी में परेड ग्राउंड में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। शपथ ग्रहण समारोह पहली बार राजभवन से निकलकर परेड ग्राउंड में आयोजित किया गया। उत्तराखंड पर्यवेक्षक व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा मुख्यमंत्री के पद पर धामी की ताजपोशी की घोषणा के बाद से ही परेड ग्राउंड में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां चल रही थीं। धामी के खटीमा सीट से हारने के बाद से ही विधायकों के बीच सीएम बनने की लॉबिंग शुरू होने के साथ ही सीएम की रेस में विधायक दिल्ली दौड़ लगाते हुए दिखाए दिए। लेकिन, विधायक दल की बैठक के बाद सोमवार को धामी के नाम पर ही हाईकमान ने हामी भरी थी। विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। 70 सीटों वाले उत्तराखंड में भाजपा के खाते में 47 सीटें आईं हैं। कांग्रेस को 19 विधानसभा सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा, जबकि, बीएसपी ने वापसी करते हुए दो सीटों पर जीत दर्ज की और दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी चुनावी पारी खेलनी शुरू की है। वहीं आम आदमी पार्टी ‘आप का कोई भी प्रत्याशी उत्तराखंड में खाता नहीं खोला पाया। ‘आप’ के सीएम चेहरे कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। यहां से भाजपा के सुरेश चौहन ने जीत दर्ज की है। शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी। जिसमें धामी कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले धामी ने उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की बात कही थी। सूत्रों की बात माने धामी मंत्रिमंडल यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। 20 साल के इतिहास में पहली बार किसी राजनैतिक पार्टी ने उत्तराखंड में फिर से सरकार बनाई है। 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड के गठन के बाद भाजपा ने सरकार बनाई थी। लेकिन, 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ उत्तराखंड की कमान आई थी। पांच साल के बाद 2007 भाजपा ने फिर उत्तराखंड में सरकार बनाई। लेकिन भाजपा से नाखुश जनता ने 2012 में फिर कांग्रेस का हाथ थामा था, लेकिन, 2017 के चुनाव में भाजपा ने वापसी करते हुए उत्तराखंड में फिर से सरकार बनाई। उत्तराखंड के इतिहास में सारे मिथक तोड़कर सीएम धामी के नेतृत्व में 2022 में भाजपा की उत्तराखंड में फिर सरकार बनी। विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री धामी की खटीमा विधानसभा सीट से हार हुई थी। उन्हें कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में धामी ने कापड़ी को शिकस्त दी थी। हालांकि, हार के बावजूद भी भाजपा हाईकमान ने सीएम धामी पर भरोसा जताकर उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी। सीएम बनने के बाद भाजपा के करीब आधा दर्जन विधायक धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। फिर से उत्तराखंड की कमान संभालने जा रहे पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री के तौर पर छह माह के कार्यकाल में खासतौर पर छह खूबियां रहीं। इन्हीं खूबियों ने धामी को हाईकमान की नजरों में सबसे बेहतर माना। इसमें पहली धामी की निर्णय लेने की क्षमता रही। चारधाम देवस्थानम बोर्ड जनभावना के अनुरूप भंग करना उनका बड़ा निर्णय माना गया।
धामी ने ली 12वें मुख्यमंत्री पद की शपथ
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