त्यौहार पर भारी शनिवार, सुस्त रहा आटोमोबाईल कारोबार
बांधवभूमि, उमरिया
सामग्री की खरीद के लिये सबसे उपयुक्त मुहूर्त कहे जाने वाले धनतेरस पर्व पर शनिवार का खासा असर दिखाई दिया। विशेषकर आटोमोबाईल, इलेक्ट्रानिक, बर्तन आदि की दुकानो पर त्यौहार वाली भीड़ दिखाई नहीं दी। वाहन व्यापार से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस बार पूर्व की तुलना मे कारोबार आधे से भी कम रहा। उनका मानना है मंदी के अलावा शनिवार का दिन होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। उम्मीद जताई जा रही है, आज रविवार तथा कल दीपावली पर ग्रांहकी मे सुधार हो सकता है।
पांच दिनी प्रकाश पर्व का शुभारंभ
कल धनतेरस के सांथ ही पांच दिनी प्रकाश पर्व दीपावली की शुरूआत हो गयी। धनतेरस पर इस बार अपेक्षा अनुरूप कारोबार की हालत बेहद सुस्त रही। बाजारों मे नजारा त्यौहार की बजाय आम दिनो जैसा रहा। आमतौर पर बर्तन, कपड़ा, किराना, आटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रानिक दुकानो मे उमडऩे वाली भीड़ इस बार नदारत रही। इस दौरान जिले मे करीब 6 से 8 करोड़ के व्यापार का अनुमान लगाया गया है। मध्यम वर्गीय परिवारों का रूझान जहां वाहन, बर्तन, टीवी, फ्रीज तथा वाशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रानिक उपकरणों की ओर रहा वहीं ग्रामीण अंचलों के लोग बर्तन, कपड़ा तथा मोबाईल की खरीददारी मे व्यस्त रहे। धनतेरस पर जिला मुख्यालय मे लगभग 4 करोड़ का बिजनेस होने की बात कही जा रही है। आटोमोबाईल व्यापार पर मंदी का असर दिखा। बताया गया है कि जिले भर मे धनतेरस पर करीब 200 दोपहिया व 30 चारपहिया वाहनो की खरीद हुई है। चारपहिया मे ट्रेक्टर सर्वाधिक बिके।
धनवंतरि की हुई पूजा
धन तेरस देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरि के अवतरण का दिन है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनवंतरि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को अमृत कलश लेकर पैदा हुए थे और उन्होने ही औषधि शास्त्र की रचना की है। धनवंतरि को देवताओं का वैद्य भी कहा जाता है। कल चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भगवान धनवंतरि की विधि विधान से पूजा अर्चना कर रोगियों के प्रति बेहतर सेवाभाव जाग्रत करने की कामना की। लोकमान्यता यह भी है कि भगवान धनवंतरि के कलश लेकर पैदा होने के कारण ही धनतेरस पर बर्तनों के खरीदी की शुरूआत हुई। धनतेरस पर धातुओं की खरीदी अति शुभ मानी जाती है।
धनतेरस पर दिखी ‘शनि’ की छाया
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