दो दिन रहेगी मकर संक्रांति की धूम
नदियों मे स्नान कर मंदिर पहुंचेंगे श्रद्धालु, जगह-जगह होगी पतंगबाजी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
धार्मिक तथा खगोलीय घटना का प्रतीक पावन पर्व मकर संक्रांति आज उत्साहपूर्वक धूमधाम से मनाया जायेगा। इस मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों मे पूजा-अर्चना की जायेगी। ज्योतिषाचायों के अनुसार इस बार यह पर्व दो दिन अर्थात 14 और 15 जनवरी को मनाया जायेगा। उन्होने बताया कि 15 जनवरी की सुबह 3 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि मे प्रवेश करेगा। इस दौरान लोग जिले की पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाएंगे। जबकि 14 जनवरी को परंपरानुसार पतंगबाजी की जायेगी। मकर संक्रांति पर जिला मुख्यालय स्थित मढ़ीवाह, सागरेश्वर धाम सहित विभिन्न मंदिरों मे मेलों का आयोजन किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि पौष मास मे सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि मे विराजमान होते है। इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों मे लोहड़ी, खिचड़ी, पोंगल आदि के रूप मे त्यौहार मनाये जाते हैं।
इसी दिन भीष्म ने त्यागी थी देह
मकर संक्रांति ऐसा त्योहार है जिसका धार्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। पुराणों मे इसे देवताओं का दिन बताया गया है। आज से मांगलिक कार्यो की शुरुआत हो जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग का द्वार खुल जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था, लेकिन दक्षिणायन सूर्य होने के कारण उन्होने बाणों की शैया पर लेट कर उनके उत्तरायण होने की प्रतीक्षा की थी और मकर संक्रांति पर अपनी देह का त्याग किया ताकि वे जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जांय। कहा जाता है कि इसी दिन गंगा जी पृथ्वी पर प्रकट हुईं थीं।
शुरू होते प्रकृति मे बदलाव
सूर्य के उत्तरायण होने से प्रकृति मे बदलाव शुरू हो जाता है। ठंड की वजह से सिकुड़ते लोगों को सूर्य के तेज प्रकाश के कारण शीत ऋ तु से राहत मिलना आरंभ होती है। हालांकि मकर संक्रांति पर ठंड तेज होती है, ऐसे मे इस दिन तिल, गुड़ व खिचड़ी खाई जाती है, जिससे शरीर में गर्माहट बनी रहे। वहीं सूर्य के उत्तरायण होने से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। कहते हैं कि उत्तरायण मे मनुष्य प्रगति की ओर अग्रसर होता है। अंधकार कम और प्रकाश मे वृद्धि के कारण मानव की शक्ति मे भी वृद्धि होती है।