प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैसूर मे की घोषणा, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस लॉन्च
मैसूर। भारत में साल 2018 के बाद टाइगर्स की संख्या कितनी बढ़ी है यह आंकड़ा रविवार को सामने आ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर मैसूर में इसकी घोषणा की। ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में टाइगर्स की संख्या में 6.74 फीसदी का इजाफा हो चुका है। देश में 2018 में 2967 टाइगर्स थे और अब इनकी संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो चुकी है। साल-दर-साल आंकड़ों के हिसाब से साल 2006 में 1 हजार 411, 2010 में 1 हजार 706, 2014 में 2 हजार 226 और 2018 में 2 हजार 967 भारत में बाघों की संख्या थी। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमृतकाल के दौरान टाइगर्स पर विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया। यह 50 रुपए का एक स्मारक सिक्का और भारत में बाघ अभयारण्यों के मूल्यांकन का 5वां चक्र है।वहीं, पीएम मोदी ने एक इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस भी लॉन्च किया। इसके जरिए 7 बड़े जानवरों, जिसमें बाघ, तेंदुए, चीता, शेर, हिम तेंदुए, प्यूमा और जगुआर का संरक्षण किया जाएगा। लगभग 97 देश इस अलायंस का हिस्सा बन सकते हैं। यह अलायंस जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न खतरों के चलते विलुप्त हो रहे इन जानवरों के संरक्षण पर ध्यान देगा। भारत में 2006 में कुल 28 टाइगर रिजर्व्स थे, आज इनकी संख्या बढ़कर 51 हो चुकी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में मजबूत संरक्षण मैनेजमेंट के चलते यहां पर शेरों की संख्या में 29 फीसदी का इजाफा हुआ है। गुजरात में 2015 में 523 शेर थे, जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर 674 हो चुकी थी।
थेप्पाकडु कैंप में हाथी को गन्ना खिलाया
इससे पहले मोदी रविवार सुबह साढ़े 8 बजे बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे। टी-शर्ट, ट्राउजर, जैकेट, हैट, ब्लैक चश्मे और कैमरे के साथ नए लुक में नजर आए।PM ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में खुली जीप में करीब 20 किमी लंबी जंगल सफारी की। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक सीमा से लगे मुदुमलई नेशनल पार्क में थेप्पाकडु एलिफेंट पार्क पहुंचकर हाथियों को गन्ने खिलाए। ये वही नेशनल पार्क है, जहां ऑस्कर विनिंग शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ शूट हुई थी। PM फिल्म में नजर आए हाथी रघु और उसे पालने वाले बोम्मन और बेली से भी मिले।प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने टाइगर से जुड़े नए आंकड़े जारी किए। इसके अलावा एक सिक्का भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA) की भी शुरुआत की। ये संगठन दुनियाभर में बिल्लियों की सात बड़ी प्रजातियों बाघ, शेर, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता को संरक्षित करने पर फोकस करेगा।
इस बार नए तरीके से हुई बाघों की गिनती
इस बार आधुनिक सॉफ्टवेयर, कैमरों से टाइगर रिजर्व और सेंचुरी के साथ संरक्षित, असंरक्षित, राजस्व वनों में घूम रहे बाघों को गिना गया है। साथ ही बाघों के अप्रत्यक्ष प्रमाणों को जोड़ा गया है। इसके तहत बाघ की यूरिन के बाद पेड़ों में उगने वाली फंगस भी प्रमाण माना गया है।पहले जंगल में ट्रांजिट लाइन डालकर उस पर चलकर बाघ के प्रत्यक्ष प्रमाण जुटाए जाते थे। ट्रैप कैमरे, पगमार्क और विष्ठा जांचते थे। पेड़ों पर खरोंच के निशान, सैटेलाइट इमेज से प्रत्यक्ष प्रमाण का मिलान करते थे। जिन शावकों की उम्र 18 महीने से ऊपर होती थी, उन्हें गणना में जोड़ते थे।सैटेलाइट मैपिंग के साथ जियो मैंपिंग की गई। रिजर्व और सेंचुरी के बाहर के बाघों को भी जोड़ा गया। आंकडों के मिलान के लिए दो एप का सहारा लिया गया। इस बार एक साल के शावक को भी जोड़ा गया।नए तरीके से गिनती में बाघ की दहाड़, पेड़ों पर उसके बाल, रगड़ के निशान, टेरेटरी मार्क को प्रमाण माना गया। यूरिन स्प्रे को सूंघकर भी टाइगर की उपस्थिति दर्ज की गई। यूरिन स्प्रे से बने ब्लैक स्पॉट (फंगस) को भी चेक किया गया।
पीएम प्रोजेक्ट टाइगर का क्रेडिट लेंगे:कांग्रेस
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा, ‘PM बांदीपुर में 50 साल पहले लॉन्च हुए प्रोजेक्ट टाइगर का पूरा क्रेडिट लेंगे। वे खूब तमाशा करेंगे, जबकि पर्यावरण, जंगल, वन्य जीव एवं वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की रक्षा के लिए बनाए गए सभी कानून ध्वस्त किए जा रहे हैं। वे भले ही सुर्खियां बटोर लें, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है।