देश में मौतों का आंकड़ा 2 लाख के पार

पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड 3.62 लाख नए मरीज मिले,  2.62 लाख ठीक भी हुए
नई दिल्ली। देश में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 2 लाख के पार हो गया। इसी के साथ भारत दुनिया का चौथा देश हो गया है, जहां इस महामारी के चलते 2 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। अब तक 2 लाख 1 हजार 165 लोगों की मौत इस महामारी से हुई है। अमेरिका में अब तक सबसे ज्यादा 5.87 लाख, ब्राजील में 3.95 लाख और मैक्सिको में 2.15 लाख लोगों की मौतें हुई हैं।
पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के नए मामलों, मौतों और रिकवरी का भी रिकॉर्ड आंकड़ा सामने आया है। इस दौरान 3 लाख 62 हजार 757 नए मरीज मिले और 3,285 लोगों की मौत हो गई। यह पहली बार है जब एक दिन में 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। राहत की बात ये है कि इस बीच 2 लाख 62 हजार 39 लोग ठीक भी हुए। रिकवरी का यह आंकड़ा भी सबसे अधिक है।
महाराष्ट्र में 66 हजार से ज्यादा मरीज मिले
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 66,358 नए मरीज मिले। इसके पहले सोमवार को यहां 48 हजार संक्रमितों की पहचान हुई थी। वहीं, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां पिछले 24 घंटे में 30 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिले। उत्तर प्रदेश में 32,921, केरल में 32,819 और कर्नाटक में 31,830 संक्रमित पाए गए।
शहरों में बेंगलुरु सबसे ज्यादा संक्रमित
अगर अलग-अलग शहरों के हिसाब से देखें तो इस समय सबसे ज्यादा मरीज बेंगलुरु में हैं। यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 2 लाख 6 हजार 223 है। अब तक इस शहर में 6 लाख 87 हजार 751 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 4 लाख 75 हजार 525 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 6,002 मरीजों की मौत हो चुकी है। देश में दूसरे नंबर पर पुणे है। यहां 1 लाख 4 हजार 561 एक्टिव केस हैं। जबकि दिल्ली में 98,264 एक्टिव केस हैं।
राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी से 10 ने दम तोड़ा
राजस्थान में ऑक्सीजन और बेड की कमी के चलते हालात बेकाबू हो रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते जयपुर, बीकानेर, कोटा में 10 मरीजों ने दम तोड़ दिया। जयपुर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार रात ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से 4 मरीजों की मौत हो गई। कोटा और बीकानेर में भी ऑक्सीजन के कमी के कारण 6 मरीजों की जान गई। राज्य में एक सप्ताह के अंदर 1.07 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 599 लोगों की मौत हुई है। केसों की संख्या तेजी से बढऩे की वजह से अस्पतालों में बेड की कमी भी बढ़ती जा रही है।

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