एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर उतारा गया फाइटर जेट
नई दिल्ली।भारत में पहली बार किसी वॉरशिप पर फाइटर जेट MiG-29K की नाइट लैंडिंग हुई। ये लैंडिंग एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के फ्लाइट डेक पर हुई। इंडियन नेवी ने इसका वीडियो शेयर किया है। नौसेना ने इसे आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बताया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार रात हुई MiG-29K की सफल लैंडिंग के लिए नौसेना को बधाई दी। कहा- ये ऐतिहासिक उपलब्धि है। ये INS विक्रांत के क्रू मेंबर्स और पायलट के कौशल का प्रमाण है।
चुनौतीपूर्ण है एयरक्राफ्ट कैरियर पर रात में फाइटर जेट की लैंडिंग
रात के समय किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट की लैंडिंग करवाना बेहद मुश्किल होता है। इसकी वजह यह है कि एयरक्राफ्ट कैरियर की स्पीड 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है और फाइटर जेट की स्पीड आमतौर पर 250 किलोमीटर प्रतिघंटा के करीब होती है। ऐसे में पायलट को जेट की स्पीड, कैरियर की स्पीड के हिसाब से मैनेज करनी पड़ती है। एयरक्राफ्ट कैरियर के फ्लाइट डेक पर हुई फाइटर जेट की लैंडिंग, रनवे पर हुई फाइटर जेट की लैंडिंग से कई गुना ज्यादा मुश्किल होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि फ्लाइट डेक, रनवे की तुलना में काफी छोटा होता है। फ्लाइट डेक पर लैंडिंग के समय पायलट जेट के टेल हुक को नीचे करता है, जिससे जेट की स्पीड 250 किमी प्रति घंटे से जीरो हो जाती है।65,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है MiG-29K
MiG-29K जेट INS विक्रांत के लड़ाकू बेड़े में शामिल है। इस सुपरसोनिक फाइटर जेट की स्पीड आवाज की रफ्तार (स्पीड ऑफ साउंड) से दोगुनी है। ये गुरुत्वाकर्षण बल का आठ गुना ज्यादा वजन खींच सकता है और 65,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है।INS विक्रांत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड यानी CSL ने किया है। इसे वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है, जिसे पहले नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में जाना जाता था। ये भारतीय नेवी का इन-हाउस डिजाइन संगठन है।45 हजार टन वजनी INS विक्रांत भारत में बना सबसे बड़ा वॉरशिप है। ये INS विक्रमादित्य के बाद देश का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है। विक्रमादित्य को रूसी प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया था।INS विक्रांत के साथ भारत दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर को डिजाइन करने और उसे बनाने में सक्षम हैं। इसमें फ्यूल के 250 टैंकर और 2400 कंपार्टमेंट्स हैं। इस पर एक बार में 1600 क्रू मेंबर्स और 30 विमान तैनात हो सकते हैं।
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