प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिमंदि मे किया मिशन स्कूल ऑफ एक्सेलन्स का प्रारंभ
अहमदाबाद। दो दिवसीय गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के निकट अडालज स्थित त्रिमंदि में मिशन स्कूल ऑफ एक्सेलन्स का प्रारंभ कराते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात का मिशन स्कूल ऑफ एक्सेलन्स एक महत्वपूर्ण कदम होगा। बीते दो दशकों में गुजरात के शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। २० साल पहले १०० में से २० बच्चे स्कूल नहीं जाते थे और जो जाते थे उनमें से ज्यादातर ८वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ देते थे। बेटियों की स्थिति और खराब थी और उन्हें स्कूल भेजा नहीं जाता था। आदिवासी क्षेत्रों में सायंस पढ़ाया नहीं जाता था।
बेटियों को पढ़ाने का किया अनुरोध
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष २००३ में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने शाला प्रवेशोत्सव अभियान शुरू किया और उस वक्त आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में गया। खासकर जिन गांवों में शिक्षा कम थी वहां के अभिभावकों से उनकी बेटियों को पढ़ाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की ऊंगली पकड़ कर स्कूल ले गया था आज उन बच्चों के दर्शन किए हैं। ऐसे बच्चों के माता-पिता को वंदन जिन्होंने उस वक्त मेरे अनुरोध को स्वीकार किया और अपने बच्चों को स्कूल भेजा। पीएम मोदी ने कहा कि दो दशक में गुजरात में सवा लाख से अधिक नए क्लास रूम बने हैं। २ लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती की। शाला प्रवेशोत्सव के दौरान गांव गांव जाकर सभी से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया। हमने शिक्षा की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया। शाला प्रवेशोत्सव के साथ ही हमने गुणोत्सव की भी शुरूआत की थी। जिसमें विद्यार्थियोंंऔर शिक्षकों का आंकलन किया जाता था। पूरी सरकारी मशीनरी तीन दिन राज्य के गांव गांव जाती थी।
भारतीय भाषाओं मे पाठ्यक्रम तैयार
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने शिक्षा क्षेत्र में अनेक प्रयोग किए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग करना गुजरात के डीएनए में है। गुजरात का शिक्षा मॉडल देश में आदर्श बना है। गुजरात की १५ हजार स्कूलों में टीवी पहुंचे हैं। आज गुजरात में १ करोड़ से भी अधिक विद्यार्थी और ४ लाख शिक्षकों का ऑनलाइन अटेडन्स होता है। इस अभियान के तहत स्कूलों में ५० हजार क्लास रूम, १ लाख स्मार्ट क्लास रूम को अत्याधुनिक रूप से विकसित किया जाएग।
देश को गुलामी से मुक्त कराएगी नई शिक्षा नीति
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