विविधता में एकता का संदेश
कोविंद ने कहा कि विविधता के बाद भी हमारा देश एकजुट है। हमारे देश में अलग-अलग धर्मों के त्योहार मनाए जाते हैं। उसी तरह राष्ट्रीय त्योहारों को भी सभी लोग देशभक्ति के साथ मनाते हैं। यह वह दिन है, जो संविधान के मूल मूल्यों पर निर्भर करता है। हमारे संविधान के ये मूल्य न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हैं। जिसका हम सभी को पालन करना होता है।
देश के जवानों को सलाम
राष्ट्रपति ने कहा कि लद्दाख में सियाचिन और गलवान घाटी की ठंड जहां तापमान माइनस 50 से माइनस 60 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है या फिर जैसलमेर की चिलचिलाती गर्मी, जहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस रहता है। जमीन पर, आसमान में और समुद्री इलाकों में हमारे योद्धा पूरी तरह तैयार हैं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई सभी ने लड़ी
उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, एडमिनिस्ट्रेटर्स और देश की जनता ने कोरोना की लड़ाई में आगे बढ़कर योगदान दिया। इसी वजह से विकसित देशों की तुलना में हमारे देश में कोरोना की वजह से मृत्यु दर पर काबू पाया जा सका। उन्होंने कहा कि हमारे किसान, जवान और वैज्ञानिक खास बधाई और प्रोत्साहन के हकदार हैं।
बिहार चुनाव का भी जिक्र किया
उन्होंने कहा कि बिहार जैसी घनी आबादी वाले राज्य, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे चुनौती भरे इलाकों में निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव कराकर हमारे लोकतंत्र और चुनाव आयोग ने सराहनीय काम किया है। इस दौरान आयोग ने कई चुनौतियों का सामना किया और सभी को पार करते हुए सफलता पाई।
वैक्सीन लगवाने की अपील की
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कोरोना के खतरे के कम होने के साथ ही अब हम पर्यावरण संरक्षण को ग्लोबल लेवल पर प्राथमिकता से लेंगे। वैक्सीनेशन का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन और हेल्थ सर्विस पूरी सतर्कता के साथ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सफल बनाने में लगे हुए हैं। मैं देशवासियों से अपील करता हूं कि वे इस लाइफलाइन का लाभ उठाएं और गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन का डोज लगवाएं।
गलवान के शहीदों को याद किया
पिछले साल देश ने अलग-अलग तरह के हालात का सामना किया। बॉर्डर पर हमें एक विस्तारवादी कदम का सामना भी करना पड़ा, लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया। देश की रक्षा के लिए 20 जवानों ने अपनी जान गंवा दी। देश उन्हें हमेशा याद रखेगा।