देवदर्शन से की नये साल की शुरूआत

देवदर्शन से की नये साल की शुरूआत
सुबह होते ही मंदिरों मे लगी श्रद्धालुओं की भीड़, बड़े-बुजुर्गो से लिया आशीर्वाद
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे नये वर्ष का स्वागत उत्साहपूर्वक धूमधाम से किया गया। पहले दिन सुबह होते ही लोगों ने देवालयों मे पहुंच कर पूजा-अर्चना के सांथ 2022 की शुरूआत की, फिर घर पहुंच कर बड़े-बुजुर्गो से आशीर्वाद प्राप्त किया। फिर दिन भर चला बधाईयों का दौर। सोशल मीडिया पर अपने ईष्ट मित्रों को शुभकामनायें प्रेषित दौर चला। इस दौरान मंदिरों मे श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। सभी के मन मे बस एक ही कामना थी कि इस साल का हश्र 2021 जैसा न हो। कोरोना महामारी से बचाव हो, जानमाल का नुकसान और लॉकडाउन जैसी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े। उल्लेखनीय है कि बीते दो साल से पूरा देश कोविड-19 से जूझ रहा रहा। बीते साल कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने नकेवल लाखों लोगों की जिंदगियां लील ली, बल्कि व्यापार और रोजगार की स्थिति को बदतर बना दिया। नये साल मे इसके नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के सांथ एक बार कोरोना के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है, जिससे लोगों के मन मे काफी निराशा है।
अर्द्धरात्रि मे गूंजा हैप्पी न्यू ईयर
वर्ष 2021 व 22 की संधि बेला मे इस बार भी जश्न का माहौल था। बीत रहे वर्ष की यादों को विदा करने व नव वर्ष 2022 के स्वागत मे जिले के अनेक होटलों, मोहल्लों के सांथ बांधवगढ़ मे गुरूवार को रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। कोरोना के संक्रमण के कारण इस साल का जश्न सीमित तरीके से होने की उम्मीद थी परंतु नये वर्ष के आगमन की उमंग के आगे महामारी का डर दूर भागता दिखा। लोगों ने पूरे उत्साह के सांथ नवागत का स्वागत किया। शहर देर रात तक जश्न की खुमारी और रंगीनियों में खोया रहा। घड़ी की सुई ने जैसे ही रात के 12 बजाए तो पूरा जिला मस्ती के आलम मे डूब गया। चारों ओर हैप्पी न्यू ईयर की गूंज सुनाई देने लगी। सर्द हवाओं व बढ़ती ठंड में भी मौसम गुलाबी हो गया।
अमोलेश्वर धाम मे लगा तांता
जिले के दूरस्थ अंचल डिंडोरी सीमा के पास स्थित अमोल खोह अमलेश्वर धाम मे नववर्ष पर इस बार भी भक्तों का हुजूम उमड़ा। इनमे उमरिया के अलावा डिंडोरी, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन, छत्तीसगढ़ से आये सैकड़ों श्रद्धालु शामिल थे। जिन्होने शिव-पार्वती की पूजा उपरांत, गुफा मे विराजमान प्राकृतिक शिवलिंग, हनुमान धारा, गया धाम, अन्नपूर्णा देवी आदि के दर्शन किये और सिद्ध पुरूष श्रीश्री 108 श्री भगत गिरी बच्चू महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
स्नान से दूर होता है चर्मरोग
मैकलसुता पर्वत पर बिराजे अमोलेश्वर धाम को महान सिद्धपीठ माना गया है, जहां पहुंचने पर मन मस्तिष्क को अभूतपूर्व शांति का अनुभव होता है। इसे लेकर अनेक मान्यतायें भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि धाम मे स्थित लक्ष्मण कुण्ड मे स्नान करने से चर्म रोग और अनेक की व्याधियां दूर होती हैं। यही कारण है कि अमोलखोह पहुंचने वाले श्रद्धालु कुण्ड मे स्नान जरूर करते हैं।
हवन-भण्डारे का आयोजन
अमोलखोह मे नववर्ष की पूर्व संध्या पर भक्तों द्वारा अखंड रामायण का आयोजन किया गया था। जिसका समापन 1 जनवरी 2022 को भजन, कीर्तन और हवन के सांथ हुआ। इसके उपरांत प्रांगण मे विशाल भंडारा शुरू हुआ। भण्डारे मे भारी संख्या मे भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। सभी श्रद्धालुओं को श्री भगत गिरी महाराज जी ने आशीर्वाद स्वरूप नये साल का कैलेंडर प्रदान किया। इस मौके पर अमोल आश्रम धाम मे मेले का भी आयोजन किया गया।

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