दूसरी लहर से सीख ले करें तैयारी
बांधवगढ़ मे हुई कलेकक्र कान्फ्रेंस मे कमिश्नर ने कोरोना से बचाव पर की चर्चा
उमरिया। वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाएं बताई जा रही है। शहडोंल संभाग मे तीसरी लहर का प्रभाव कम से कम हो, जन जीवन की हानि नही हो, लोगों को सुगमता से इलाज मिल सके इसके लिए पुराने अनुभवों के आधार पर पूर्व की कमियों को दूर करते हुए नई रणनीति के साथ सभी आवश्यक तैयारियां कलेक्टर सुनिश्चित करें। यह निर्देश कमिश्नर राजीव शर्मा ने बांधवगढ़ मे आयोजित संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टरों को दिए। बैठक में कलेक्टर उमरिया संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर शहडोल सत्येंद्र सिंह, कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना, सीईओ जिला पंचायत उमरिया अंशुल गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत शहडोल मेहताब सिंह, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उमरिया आरके मेहरा, उपायुक्त राजस्व दिलीप पाण्डेय उपस्थित रहें ।
यह दिए निर्देश
शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाकर अमल किया जाए। जिन शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे यह लक्ष्य नजदीक है वहां टीकाकरण पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक बच्चों के लिए कोविड वार्ड की स्थापना की जाए। आक्सीजन युक्त बेडो की संख्या बढाने, कंसनट्रेटर की संख्या बढ़ाकर स्टाफ को प्रशिक्षित करने तथा मॉकड्रिल करानें, सर्दी-जुकाम, खांसी के मरीजों की मॉनीटरिंग करें। सेंपल की संख्या बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओ के पास आवश्यक दवाओं का भण्डारण कराकर भ्रमण के दौरान आकस्मिक निरीक्षण करें। कोविड केयर सेंटरों का संचालन बेहतर तरीके से हो और जो एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है उनका बेहतर उपयोग हो । ईधन तथा ड्रायवर उपलब्ध रहें।
बच्चों को दें मास्क
स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को मास्क का वितरण किया जाए। स्कूल वाहन चालकों का शत प्रतिशत टीकाकरण कराया जाए। कमिश्नर ने कहा कि कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती माताओ की निगरानी रखी जाए। ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण समितियो तथा कोविड -19 से बचाव के लिए गठित समितियों के बैठक की तिथि निर्धारित कर प्रशिक्षण के माध्यम से जन जागरूकता लाई जाए। इस अवसर पर शहडोल संभाग के तीनो जिलो के कलेक्टरों द्वारा कोरोना के तीसरी लहर की तैयारियो के संबंध में अब तक किए गए कार्यो, चल रहे कार्यो तथा आगामी रणनीति के संबंध में जानकारी दी गई।
सर्प दंश से पीडि़तों का हो उपचार
बरसात के सीजन मे ग्रामीण क्षेत्रों मे सर्प दंश से लोगो की मृत्यु होने की जानकारियां मिलती रहती है। जिसका कारण पीडि़त व्यक्ति की अस्पताल मे चिकित्सा न कराकर ओझा से झाडफूंक करानें में समय व्यर्थ करना है। यदि सर्प दंश से प्रभावित व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाएगा तो उसके जीवित बचने की शत प्रतिशत संभावना है। उन्होने बताया कि संभाग के सभी अस्पतालो मे सर्प दंश से जान बचाने के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध है। कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को भ्रमण के दौरान दवाओ की उपलब्धता का निरीक्षण करनें तथा समारोहों, आयोजनों तथा सभाओं मे इसकी जानकारी आम जन तक पहुंचाने की समझाईश दी।
दूसरी लहर से सीख ले करें तैयारी
Advertisements
Advertisements