दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

शहडोल/सोनू खान। अपर सत्र न्यायाधीश बुढ़ार आर. प्रजापति ने  धारा 376 भादवि सहपठित धारा 3, 4 पाक्सो एक्ट के आरोपी सिंह गोपाल सिंह गोंड  निवासी हडहा जिला शहडोल को 10 वर्ष सश्रम करावास की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण का सशक्त संचालन अतिरिक्त् जिला लोक अभियोजक बुढ़ार राजकुमार रावत  द्वारा किया गया। घटना का संक्षिप्त विवरण देते हुए सम्भागीय जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 11 अप्रैल 2015 को आहत ने थाना बुढार में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैं ग्राम हडहा में रहती हूं। दिनांक 09/04/2015 को घर से शाम करीब 6 बजे दिसा मैदान करने के लिए कदमहाई बंधवा तरफ गयी थी । दिसा मैदान कर वापस घर आ रही थी तभी मेरे गांव का गोपाल सिंह गोंड मिला जो मुझे कहने लगा कि तुम्हारे घर वाले मेरे खिलाफ रिपोर्ट कर बंद कराना चाहते हैं इस कारण आज मैं तुझे नहीं छोडूगा। बहुत दिनों से मैं तुझे तलाश रहा था तथा गोपाल सिंग गोंड मेरी तरफ आने लगा। मैं वहां से घर तरफ भागने लगी व जोर से चिल्लाई कि कांटे में दुपट्टा फंस जाने से मैं निकालने लगी कि गोपाल सिंह मेरे पास आया और मुझे जोर से पकड कर अपनी तरफ खींचने लगा मैं चिल्ला्ने लगी तो उसने मेरे दुपटटा मुंह में डाल कर बंध दिया तथा मुझे उठाकर कुछ दूर पाईप लाईन की मिट्टी के आड में ले जाकर जमीन पर लेटा कर मेरे साथ गलत काम (बलात्कार) किया। मैं उसे धक्का देकर वहां से भागी तभी रास्ते में मेरे पिताजी, मुन्नीश बाई, मामा-मामी मिले जिन्हें  मैं घटना की बात बताई। मेरी मां के बाहर चले जाने से मैं रिपोर्ट करने नहीं आ सकी। मां के आने के बाद घटना की बात उन्हें बताई तथा साथ में लेकर थाने रिपोर्ट करने आई हूं। आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट की कायमी कर थाना बुढार में आरोपी के विरूद्ध धारा 376, भादवि व पाक्सो एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारम्भ0 की गई। विवेचना पूर्ण होने पर माननीय न्योयालय समक्ष साक्षियों के साक्ष्यत कराए गए। जहां अभियोजन की ओर अंतिम मौखित तर्क प्रस्तुरत किया गया कि आरोपी द्वारा किया गया कृत्यक अक्षम्यत है उसे उसके द्वारा किए गए अपराध की वर्धित सजा के दंडित किया जाना आहता के लिए न्याय संगत होगा।  माननीय न्याययालय ने आरोपी द्वारा किए गए अपराध एवं न्यायालय में परीक्षित समस्त साक्षियों के साक्ष्या को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी गोपाल सिंह गोंड को 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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