दुष्कर्मी को मृत्युपर्यन्त जेल की सजा

नाबालिग को बनाया था हवस का शिकार, स्पेशल जज ने सुनाया फैंसला
बांधवभूमि, उमरिया
नाती-पोतों के सांथ घर के आंगन मे खेल रही मासूम को हवस का शिकार बनाने वाले दुष्कर्मी को अदालत मे आजन्म कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण के संबंध मे जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेय ने बताया कि पीडि़ता की मां एवं फरियादिया सावित्री सिंह गोंड की दो पुत्रियां व एक पुत्र है। 24 जून 2019 की शाम करीब 6 बजे वह अपने घर मे खाना बना रही थी। बड़ी बेटी घर पर थी जबकि छोटी बेटी और बेटा रूपेश शिवनाथ के नाती राहुल शिवनाथ के आंगन मे खेल रहे थे। तभी एक घंटे बाद पड़ोस मे रहने वाली महिला नेहा बच्ची को लेकर घर आई तो सावित्री ने देखा कि उसकी फ्राक व अण्डवेयर मे खून लगा हुआ था और पीडिता रो रही थी। पूछने पर उसने खेलते समय शिवनाथ के आंगन मे गिरने की बात कही। जिस पर वह और उसका ससुर रामकुमार शिवनाथ के घर गये और देखा घर के आंगन मे बिछी खटिया और नीचे जमीन पर खूना लगा हुआ था। इस बारे मे शिवनाथ की बहू व घरवाली से पूछा तो उन्होने कुछ नहीं बताया। इस दौरान शिवनाथ घर पर नहीं था। घटना के बाद पीडि़ता को रहठा ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
जिला अस्पताल मे की शिकायत
जिला अस्पताल मे पीडिता ने बताया जिस समय वह राहुल और रूपेश के साथ खेल रही थी तभी शिवनाथ उसे पकड़ कर बाड़ी मे इमली के पेड के पास ले गया और साफी से मुंह दबाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद इस मामले नौरोजाबाद पुलिस द्वारा आरोपी शिवनाथ सिंह गोंड के विरूद्ध धारा 376(2) (आई), 3, 4, 5एम एवं 6 पाक्सो अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामला गंभीर होने के कारण शासन ने उप निरीक्षक एसबी सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। जिनके द्वारा विवेचना उपरांत चालान न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया।
दोषी को सुनाई गई सजा
राज्य की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अर्चना मरावी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी केआर पटेल एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बीके वर्मा द्वारा की गयी। जिसमे आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) श्री विवेक सिहं रघुवंशी की न्यायालय ने प्रकरण के सूक्ष्म परिशीलन के उपरांत आरोपी शिवनाथ सिंह गोंड को उक्त अपराध का दोषी पाये जाने पर उसे आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड का दण्डादेश पारित किया है।

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