दुकानो मे बिक रही दूषित सामग्री, फुड इंस्पेक्टर साहिबा को भण्डारे की चिंता
बांधवभूमि, तपस गुप्ता
मध्यप्रदेश, उमरिया
बिरसिंहपुर पाली। जिले भर की होटलों, रेस्टारेंट और दुकानो खुलेआम एक्सपायरी डेट तथा प्रदूषित सामग्री बेंची जा रही है। इससे लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इससे जानबूझ कर बेखबर खाद्य विभाग के अधिकारियों को इन दिनो कुछ नया कर दिखाने का शौक चर्राया हुआ है। गत दिवस विभाग की इंस्पेक्टर साहिबा को अचानक जब अपना कर्तव्य याद आया तो उन्होने संस्थानो कीे बजाय बिरासिनी मंदिर का रूख कर लिया। बताया गया है कि इंस्पेक्टर मंजू वर्मा शारदेय नवरात्र के अवसर पर दरबार मे बिरासनी सेवा समिति द्वारा 9 दिनों तक निशुल्क संचालित भंडारे की पड़ताल करने पहुंच गई। इस मौके पर उन्होने सदस्यों से पूछा कि वे भण्डारे के लिये पैसा कहां से लाते हैं। उस समय ऐसा प्रतीत हुआ जैसे इंस्पेक्टर वर्मा को फुड विभाग के सांथ मनी लॉन्डिंग के जांच की जिम्मेदारी भी दी गई है।
मामला बिगड़ा तो चलती बनी
धार्मिक आयोजन मे पहुंच कर उल्टे सीधे सवाल पूंछने पर समिति के सदस्य बिफर गये। कुछ देर बाद उन्होने भी अधिकारी से ही सवाल करने शुरू कर दिये। उन्होने पूंछा कि शहर मे दूषित सामग्री बेंची जा रही है, तो आप कार्यवाही क्यों नहीं कर रही हैं। जब मामला बिगडऩे लगा तो उन्होने प्रसाद लेकर वहां से निकलना ही उचित समझा।
मंथली सुविधा शुल्क की वसूली
गौरतलब है कि तहसील क्षेत्र मे खुलआम अमानक तथा दूषित खाद्य सामग्री बेंची जा रही है। त्यौहारों के दौरान क्षेत्र मे बड़े पैमान पर नकली दूध और खोवे से बनी मिठाईयां बना कर भोले-भाले ग्रांहको थमाई जाती है। इसे रोकना और नक्कालों को दण्डित करने का जिम्मा शासन के खाद्य विभाग का है। सरकार विभाग के अधिकारियों को इसी काम का लाखों रूपये प्रतिमांह वेतन देती है, परंतु उनके द्वारा किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जाती। सूत्रों का दावा है कि विभाग के अधिकारी दलालों के जरिये दुकानदारों से प्रतिमांह वसूली करते हैं और बदले मे उन्हे नकली और अमानक सामन बेंचने की छूट मिल जाती है।