दुकानो मे ग्रांहक नहीं, सडकें सूनी

व्यापार पर मंहगाई की मार, फुल सीजन के बावजूद फुरसत मे कारोबारी
बांधवभूमि, उमरिया
महंगाई की मार का असर जिले के कारोबार पर इस बार साफ दिखाई दे रहा है। भरे वैवाहिक सीजन मे बाजारों की रौनक गायब है और दुकानदार फुरसत बैठे हैं। व्यापारियों का कहना है कि अक्षय तृतीया और शादियों के जबरदस्त मुहूर्त दौरान इस तरह का माहौल वे पहली बार देख रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2020 और 21 मे अप्रेल-मई के दरम्यिान कोरोना चरम पर होने के कारण लॉकडाउन लगा रहा। जबकि इस साल ऐसा नहीं हुआ, महामारी का असर कमजोर होते ही सारी पाबंदियां हटा दी गई जिससे व्यापारिक गतिविधयां सामान्य हो चली हैं। ऐसे मे कारोबार बेहतर होने की उम्मीद सभी को थी। लिहाजा शादी-विवाह मे होने वाली बिक्री के हिसाब से दुकानदारों ने जम कर स्टॉकिंग की है, परंतु व्यापार उठने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे मे माल बचने और उससे होने वाले नुकसान की चिंता सभी को सताने लगी है।
इलेक्ट्रानिक्स कारोबार कमजोर
शादियों मे सर्वाधिक मांग फ्रीज, कूलर, एसी, मिक्सर आदि आयटम की होती है। इन दुकानो मे इस मौके पर पैर रखने की जगह नहीं होती थी, लेकिन इस बार कारोबारी वो भीड़ देखने को तरस गये हैं। बांधवभूमि से चर्चा करते हुए दुकानदारों ने बताया कि बीते दो वर्षो मे इलेक्ट्रानिक सामान की कीमतों मे 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे लोग रिश्तेदारों को उपहार मे सामान देने की बजाय नगदी देकर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं।
माल मंहगा, क्वालिटी भी गिराई
इधर कपड़ा व्यवसाईयों का कहना है कि कोरोना के पूर्व और अब के व्यापार मे दिन-रात का अंतर आ गया है। यदि तुलना करें तो सीजन के कारोबार मे 40 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है। दुकानदारों ने बताया कि बीते दो वर्षो मे कॉटन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। मेन्यूफेक्चरर्स ने टेक्सटाइल के दाम बढ़ाने के सांथ क्वालिटी भी कमजोर कर दी है। जिससे उन्हे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
टेण्ट संचालक परेशान
इस मंदी से टेण्ट संचालक भी खासे परेशान है। एक समय था जब अक्षय तृतीया के समय वैवाहिक सीजन मे उनके पास इतनी बुकिंग होती थी कि ग्रांहकों का काम लेना बंद करना पड़ जाता था पर इस बार वे खाली हैं। उन्होने बताया कि एक ओर जहां काम घटता जा रहा है, वहीं बेरोजगारी के कारण लोग टेण्ट व्यवसाय मे कूद रहे हैं। इस समय गांव-गांव मे टेण्ट हो गये हैं, जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है।
आय वहीं, खर्च बढ़ता जा रहा
कारोबारी मे आ रही मंदी का मुख्य कारण है, कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं। जनता की क्रयशक्ति लगातार घटती जा रही है। बाजार को उछाल देने वाला कृषि, निर्माण और रियल स्टेट सेक्टर तबाह हो चुका है। लोहे और सीमेंट मे आई भयंकर तेजी के कारण विकास के काम ठप्प पड़े हैं। जानकारों का मानना है कि नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग की आय तो आज भी उतनी ही है परंतु मंहगाई और टेक्स ने खर्च 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा दिया है। जिसका असर सीधे व्यापार पर पड़ रहा है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *