दुकाने क्लोज, ऑनलाईन खरीदी ओपन

दुकाने क्लोज, ऑनलाईन बिक्री ओपन
लॉकडाउन मे सरकार के दोहरे मापदण्ड से व्यापारियों मे नाराजगी
उमरिया। साल भर बाद एक बार फि र कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन शुरू हो गया है। दुकाने बंद हैं और कारोबारी घरों में कैद हैं। ऐसे मे उनकी बेचैनी बढ़ गई हैं। कारण रोजमर्रा के खर्च, बैंकों का ब्याज, कर्मचारियों का वेतन और तरह-तरह का टेक्स है, जो उन्हें हर हाल मे चुकाना ही होगा। दूसरी ओर सरकार की गाइड लाइन मे ऑनलाइन कारोबार पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, जिसका खामियाजा भी व्यापारियों को ही भुगतना है। महामारी के कारण बीते वर्ष कारोबार पर लगी चोट से वे अब तक उबर भी नहीं पाए थे कि वहीं स्थितियां फि र सामने आ गई हैं। मामला इस बार ज्यादा गंभीर है। ऐसे मे लॉक डाउन कितने दिनो तक चलेगा, कहना मुश्किल है। लिहाजा व्यापारियों की चिंता लाजिमी है और वे घबराए हुए हैं।
कम्पनियों को छूट, दफ्तर भी खुले
स्थानीय व्यापारी सरकार की दोहरी नीति से दुखी हैं। उनका कहना है कि प्रशासन की गाईड लाईन मे अमेजन, फ्ल्पिकार्ट, मिन्त्रा आदि कम्पनियों से माल खरीदने और इनके द्वारा की जाने वाली डिलेवरी प्रतिबंध से मुक्त रखी गई है। सांथ ही सभी सरकारी दफ्तर भी खोले जा रहे हैं। यदि इससे संक्रमण नहीं फैलता तो दुकाने खोलने से क्या हो जायेगा। कारोबारियों का आरोप है कि सरकार बड़ी कम्पनियों के दबाव मे पक्षपातपूर्ण कार्यवाही कर रही है।
टैक्स की जाय माफ
लॉकडाउन के कारण विशेषकर मध्यम और लघु व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसानी झेलनी पड़ रही है। सरकार उनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करे साथ ही संपत्ति कर, लायसेंस फीस, आयकर आदि टेक्स को माफ करे।
राकेश प्रताप सिंह
अध्यक्ष
जिला व्यापार एवं उद्योग संघ, उमरिया
ऑन लाइन बिक्री भी हो बंद
जब कोरोना संक्रमण रोकने के लिये दुकानों को बंद रखा जा रहा है तो कम्पनियों को ऑनलाइन बिक्री और घर-घर सामान पहुंचाने की छूट क्यों दी गई है। इस तरह से व्यापारियों को दोहरा नुकसान हो रहा है। सरकार ऑनलाइन कारोबार पर तत्काल रोक लगाये।
रतन खंडेलवाल
अध्यक्ष
उमरिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स, उमरिया

 

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