नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें। इससे पहले दिन में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि डीपीसीसी द्वारा 14 सितंबर को लगाया गया “अंतिम समय का प्रतिबंध” पूरी तरह से मनमाना और अवैध था। इसके साथ ही इस निर्षय को उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला बताया गया। एक दिन पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों का निर्माण, भंडारण और बिक्री एक दंडनीय अपराध है और इसके लिए 5,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है। पटाखे खरीदने और फोड़ने पर 200 का जुर्माना और छह महीने की जेल की सजा भी हो सकती है। इन उपायों का उद्देश्य त्योहारी सीजन के दौरान वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाना है, जब वायु की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है।
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन पर शीर्ष कोर्ट का शीघ्र सुनवाई से किया इनकार
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