दिलीप बिल्डकॉन पर सीबीआई का छापा

4 करोड़ रूपए बरामद, कई महत्वपूर्ण कागजात जप्त

भोपाल। मप्र के सबसे बड़े व्यवसायी दिलीप सूर्यवंशी और उनकी कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के ऑफिस और घर पर दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने छापेमारी कर 4 करोड़ रूपए नकद और कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किया है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई चेन्नई एक्सप्रेस वे के पैकेज एक और दो के निर्माण के बाद दिए जा रहे 20 लाख की रिश्वत मामले में हुआ है। बताया जाता दिलीप सूर्यवंशी के ठिकानों से मिले कागजात से निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार और लेनदेन की कई परतें खुलेंगी। जानकारी के अनुसार दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने गुरुवार रात को ही दिलीप सूर्यवंशी के ठिकानों पर करीब 9 बजे एक साथ छापा मारा। चूनाभट्टी स्थित ऑफिस और कंपनी के मालिक दिलीप सूर्यवंशी के अरेरा कॉलोनी स्थित घर पर अफसरों की टीम ने छापा मारा। घर और ऑफिस में कर्मचारियों तक को एंट्री नहीं दी गई।छापे के बाद सीबीआई ने जानकारी दी कि चेन्नई एक्सप्रेस वे के पैकेज एक और दो का निर्माण पूरा होने के बाद एनएचएआई बेंगलुरू के रीजनल ऑफिसर अकील अहमद ने कंपनी से 20 लाख की रिश्वत मांगी थी। बताया जाता है कि दिलीप सूर्यवंशी के एक पार्टनर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को 20 लाख की रिश्वत देते हुए हिरासत में लिया गया है।
जाल बिछाकर पकड़ा
सीबीआई ने बताया कि उसे सूचना मिली थी की दिलीप बिल्डकॉन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर देवेंद्र जैन और एक अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसर अकील अहमद को 20 लाख रुपए की रिश्वत देने वाले हैं। उसके बाद सीबीआई ने इन लोगों को रंगेहाथ पकडऩे के लिए जाल बिछाया और उन्हें पकड़ लिया। उसके बाद ही दिल्ली की टीम ने नई दिल्ली, बैंगलोर, कोचीन, गुडग़ांव, भोपाल आदि सहित आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली, जिसमें 4 करोड़ रूपए बरामद किए हैं। वहीं एनएचएआई बेंगलुरू के रीजनल ऑफिसर अकील अहमद के घर से 4 लाख रूपए जब्त किए हैं। गिरफ्तार सभी आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। छापे की सूचना के बाद कंपनी के शेयर करीब 6.5 प्रतिशत तक गिर गए हैं। दिल्ली टीम की कार्रवाई के बारे में लोकल पुलिस और सीबीआई भोपाल के अफसरों को भनक तक नहीं लगी।
एनएचएआई के अफसर सहित 5 गिरफ्तार
सीबीआई ने एनएचएआई बेंगलुरू के रीजनल ऑफिसर अकील अहमद, दिलीप बिल्डकॉन के रीजनल मैनेजर देवेंद्र जैन, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुनील कुमार वर्मा और दो कर्मचारी रत्नाकर सजिलाल व अनुज गुप्ता को गिरफ्तार किया है। गुरूवार रात करीब 9 बजे टीम ने घर और ऑफिस पर छापे मारे। इसके बाद से ही दोनों जगह पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए। घर और ऑफिस में कर्मचारियों तक को आने-जाने नहीं दिया गया। दोनों ही जगह 20 से ज्यादा अफसरों के होने की बात सामने आई है।
कई प्रोजेक्ट रद्द हो गए थे
जानकारी के अनुसार, दिलीप बिल्डकॉन के पास इनदिनों देश-विदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। आलम यह है कि कंपनी के पास काम की भरमार इस कदर हो गई है कि वह प्रोजक्ट समय पर पूरा नहीं कर पा रही है। इस कारण कंपनी के कई प्रोजेक्ट रद्द हो गए हैं। वहीं कई प्रोजेक्ट पैसे के अभाव में आधे-अधूरे पड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि कंपनी इनदिनों आर्थिक तंगी में है।
8 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज
अभी कुछ माह पहले ही दिलीप सूर्यवंशी को मप्र का सबसे धनी व्यक्ति घोषित किया गया था। उनका पूरा नेटवर्थ 4,000 करोड़ रूपए का आंका गया था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कंपनी भारी कर्ज में दबी हुई है। कंपनी पर करीब 8 हजार करोड़ रूपए का कर्ज है। उसमें से 2300 करोड़ रूपए बैंक ऑफ बड़ौदा के हैं। बताया जाता है कि कंपनी कई बैंकों का ब्याज तक समय पर नहीं दे पा रही है।
15 साल में खड़ा किया साम्राज्य
बताया जाता है कि दिलीप बिल्डकॉन कंपनी ने पिछले 15 साल में इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। दिलीप बिल्डकॉन कंपनी को वर्ष 1993-94 में पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला था। यह चार करोड़ रुपए का था। इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर 20 करोड़ और 80 करोड़ के प्रोजेक्ट किए। 2007 के पहले 120 करोड़ रुपए तक के बड़े प्रोजेक्ट किए। वर्ष 2007 से 2010 के बीच सबसे बड़ा जंप मिला। कंपनी को अहमदाबाद-गोधरा का एक हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला। कंपनी का महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में कारोबार है। दिलीप बिल्डकॉन का कंस्ट्रक्शन का काम है। यह कंपनी देशभर में हाईवे और रेल प्रोजेक्ट से जुड़े ठेके लेती है। भोपाल रेल मेट्रो का काम भी यही कंपनी कर रही है। दिलीप सूर्यवंशी ने 1988 में दिलीप बिल्डकॉन के नाम से कंपनी बनाई। पहले तो उन्होंने छोटे रिहायशी प्रोजेक्ट, सरकारी इमारतों और पेट्रोल पंपों का निर्माण किया। इसके बाद 1995 में 21 वर्षीय इंजीनियर देवेंद्र जैन को काम पर रखा। जैन अब उनकी कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में एनडीए सरकार ने सड़क निर्माण के टेंडर निकालने शुरू किए। तब उन्होंने तय किया कि उनकी कंपनी सड़क निर्माण भी करेगी।
राजनीति में बदलते समीकरण के संकेत
दिलीप सूर्यवंशी और उनकी कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के खिलाफ सीबीआई के छापे को प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। शुक्रवार को प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिका में इसकी खुब चर्चा हुई। दरअसल, दिलीप सूर्यवंशी की सरकार में अच्छी पैठ है। प्रदेश की सत्ता और संगठन में उनकी खुब चलती है। ऐसे में उनके खिलाफ सीबीआई की छापेमारी को प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा में पिछले कुछ महीने से सरकार में बड़े बदलाव के लिए कई प्रयास हो चुके हैं। अब इस छापे को भी उसी नजरिए से देखा जा रहा है।

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