दाम घटने से पेट्रोल पंप संचालकों को लाखों का नुकसान

दाम घटने से पेट्रोल पंप संचालकों को लाखों का नुकसान
सरकार के फैंसले से निकला दिवाला, 4 से 20 लाख रूपये तक लगी चपत
उमरिया। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर एक्साईज ड्यूटी घटाने से भले ही लोगों को राहत मिली हो पर इससे पंप संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बताया जाता है कि त्यौहार और छुट्टियों की वजह से सभी पेट्रोल पंपों मे बडे पैमाने पर डीजल और पेट्रोल की स्टॉकिंग की गई थी। इसी बीच अचानक पहले केन्द्र फिर राज्य सरकार द्वारा टेक्स मे कटौती किये जाने से पेट्रोल लगभग 12 और डीजल करीब 17 रूपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। जानकारी के अनुसार सरकारों के इस फैंसले से जिले के पेट्रोल पंप संचालकों को 4 लाख से 20 लाख रूपये तक का घाटा उठाना पड़ा है।
दाम बढऩे से फायदे की बात गलत
पेट्रोल पंप संचालक बीते कुछ वर्षो के दौरान लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढऩे से हुए फायदे की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि दाम बढऩे से उनकी लागत भी बढ़ी है। सात साल पहले तक 18 हजार लीटर का जो टेंकर मात्र 9 लाख रूपये मे आता था, उसके लिये उन्हे अब 20 लाख रूपये फंसाने पड़ते हैं। दाम बढऩे से जो फायदा हुआ उतना तो लागत मे बढ़ोत्तरी के कारण बैंकों के ब्याज मे चला गया।
वर्षो से नहीं बढ़ाई कमीशन
पेट्रोल और डीजल के दामो मे की गई कमी से पेट्रोल पंप मालिक बेहद खफा हैं। उनका कहना है कि कंपनियों द्वारा वर्षो से उनकी कमीशन नहीं बढ़ाई जा रही है। जबकि सारा का सारा जोखिम उन्हे ही उठाना पड़ता है। उन्होने बताया कि पेट्रोल के दाम 60 से बढ़ कर 110 रूपये हो गये पर कमीशन आज भी 2 रूपये ही दी जा रही है। संचालकों के मुताबिक जिन पंपों के कारण सरकार को लाखों करोड़ रूपये टेक्स मिलती है, उन्ही का शोषण किया जा रहा है।
40 रूपये बढ़ गये पेट्रोल के दाम
उल्लेखनीय है कि बीते 6-7 वर्षो मे पेट्रोल मे करीब 40 रूपये तथा डीजल मे लगभग 45 रूपये प्रति लीटर की बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल ही के 3 महीनो से पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना 30-35 बढ़ाये जा रहे थे। इससे जहां महंगाई आसमान छूने लगी, वहीं लोगों मे काफी रोष देखा जाने लगा। तभी अचानक दीपावली के एक दिन पहले केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा टेक्स कम करने से पेट्रोलियम के दामो मे एकाएक कमी आ गई।
कांग्रेस ने पूछा-तो क्या सरकार ही बढ़ा रही थी दाम
इधर सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दाम घटाये जाने का श्रेय लेने पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। विपक्ष ने जब भी सवाल उठाया तो सरकार कभी इसे पेट्रोलियम कम्पनी का मामला, कभी कर्ज चुकता करने तो कभी विश्व बाजार मे कीमतें बढऩे की बात कह कर पल्ला झाड़ती रही। अब जबकि उपचुनावों मे मुुह की खाने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम मे मामूली कटौती हुई तो भाजपा इसे दीवाली का गिफ्ट बता कर प्रचारित कर रही है। इससे साफ हो गया है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने के पीछे सरकार का ही हांथ है। उन्होने भाजपा सरकारों से इस धोखाधड़ी के लिये जनता से माफी मांगते हुए पेट्रोल और डीजल के दामो मे कम से कम 40 रूपये प्रतिलीटर की कटौती करने की मांग की है।

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