दतिया में एक साथ 10 लोगों की अंत्येष्टि

गोद में 4 मासूम और कंधे पर 6 अर्थियां देखकर भावुक हुए गांव के लोग

दतिया। दतिया के पंडोखर में शनिवार को एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने हर आंख में आंसू ला दिए। जुबान तो खामोश थी, लेकिन नम आंखें भगवान से पूछ रही थीं कि हे प्रभु तुमने ये कैसा दिन दिखाया? कलेजे के टुकड़े कफन में लिपटे थे और छलकती आंखों से परिवारवाले उन्हें अंतिम यात्रा पर ले जा रहे थे। जिस गली से भी चार बच्चों सहित 10 अर्थियां गुजरीं, लोग भावुक हो गए। बच्चों को दफनाया गया। वहीं, नदी किनारे 6 लोगों को मुखाग्नि दी गई। हादसे में मृत एक अन्य महिला कुसुमा का अंतिम संस्कार पंडोखर से 3 किमी दूर देवरी गांव में किया गया। यूपी के झांसी में चिरगांव थाना क्षेत्र के भांडेर रोड पर शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे हुआ था। दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली बेकाबू होकर पलट गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 7 मह‍िलाएं और 4 बच्‍चे शामिल हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली में 32 लोग सवार थे। ट्रैक्टर के सामने अचानक एक गाय आ गई, जिससे ड्राइवर ट्रैक्‍टर को संभाल नहीं पाया और वह धान के खेत में पलट गया। मौके पर मौजूद भांडेर विधायक रक्षा सरोनिया के पति डॉ. सन्तराम सरोनिया पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते रहे। जिला पंचायत सदस्य रामकिंकर ने कहा कि उन्होंने ऐसा दुःखद मंजर कभी नहीं देखा, पीड़ा का बखान करना संभव नहीं है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपए की सहायता देने की स्वीकृति दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी संवेदना व्यक्त की।

मन्नत के बाद बच्चे हुए तो मंदिर में ज्वारे चढ़ाने जा रहे थे
पंडोखर के रहने वाले पवन दोहरे और अनिल अपने भाई सुनील सहित अन्य 17 लोगों के साथ झांसी के छिरौना गांव में बने देई बाबा मंदिर जा रहे थे। इन्हें नवरात्रि पर ज्वारे मंदिर में अर्पित करना था। भाई सुनील ने बताया कि पवन और अनिल को बच्चे नहीं हो रहे थे। इनकी शादी को करीब 6 से 7 साल हो गए थे। परिवार ने देई बाबा मंदिर में संतान होने पर ज्वारे चढ़ाने की मन्नत मांगी थी। करीब डेढ़ साल पहले अनिल को बच्चा हुआ। जिसका नाम उन्होंने अवि रखा। 9 महीने बाद अनिल के घर भी किलकारी गूंजी। इसके बाद परिवार नवमी को ज्वारे चढ़ाने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ निकला था।
एक परिवार के पांच लोगों की गई जान
ग्रामीण मान सिंह ने बताया कि हादसे में सुनील दोहरे ने अपनी मां मुन्नीदेवी, बहू पूजा, बेटी कर्षा, डेढ़ साल के भतीजे अवि और 2 साल की भांजी परी को हमेशा के लिए खो दिया। सुनील की पत्नी अर्चना हादसे में घायल है। सुनील का कहना है कि दो लोगों की सांसें चल रही थीं।यदि एंबुलेंस में ऑक्सीजन होती तो उनकी जान बच जाती। करीब एक घंटे बाद पुलिस प्रशासन का अमला पहुंचा। दतिया कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि सभी के नियमानुसार सहायता राशि के प्रकरण तैयार किए जाएंगे।
हादसे में इनकी गई जान
मरने वालों में पुष्पा देवी (45 साल) पत्नी जानकी, मुन्नी देवी (45) पत्नी स्व. मोतीलाल, सुनीता (42) पत्नी रविंद्र, पूजा देवी (25) पत्नी अनिल, राजो (45) पत्नी कैलाश, प्रेमवती (45) पत्नी जसमंत, कुसुमा देवी (55) पत्नी मनीराम, करस्या (9 माह) पुत्री अनिल, परी (2 साल) पुत्री नीरू, अनुष्का (3) पुत्री बंटी, अवि डेढ़ साल पुत्र पवन।
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