बढ़ी सरकार की मुश्किलें, मुद्रास्फीति हुई 12.94 प्रतिशत
नई दिल्ली।मोदी सरकार को थोक महंगाई के मामले पर बड़ा झटका लगा है। कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई है। निचले आधार प्रभाव के चलते भी मई 2021 में मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी है। मई 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।एक के पोल के मुताबिक, इसके 13.61 फीसदी पर रहने का अनुमान था। महीने दर महीने आधार पर मार्च संशोधित डब्ल्यूपीआई 7.39 फीसदी से बढ़कर 7.89 फीसदी पर ही है। यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोक मूल्य सूंचकाक(डब्ल्यूपीआई ) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी। बयान के मुताबिक, ‘‘मई 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव और पेट्रोल, डीजल, नेफ्था, फर्नेस ऑयल आदि पेट्रोलियम उत्पादों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में वृद्धि के कारण है। समीक्षाधीन अवधि में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर 37.61 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 20.94 प्रतिशत थी।
51 फीसदी बढ़ा सब्जियों के दाम
विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मई में 10.83 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 9.01 प्रतिशत थी।खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से कम होकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा हुआ। आरबीआई ने महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखकर कहा कि वह वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक उदार नीति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान दालों में 12.09 फीसदी, प्याज में 23.24 फीसदी, फलों में 20.17, तिलहन के दाम में 35.94 फीसदी और कच्चे पेट्रोलियम के दाम में 102.51 फीसदी की बढ़त हुई है। इस दौरान पेट्रोल के दाम में 62.28 फीसदी, डीजल में 66.3 फीसदी और सब्जियों के दाम में 51.71 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है।