त्याग से श्रेष्ठ होता मानव जीवन
महुरा मे विदुषी देवी चंद्रकला ने किया रामभक्त भरत के चरित्र का वर्णन
बांधवभूमि न्यूज, देवलाल सिंह
मध्यप्रदेश
उमरिया
करकेली। जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत महुरी स्थित गोगा नगरी इन दिनो भगवान श्रीराम की भक्ति मे सराबोर है। गांव मे चल रही रामकथा का वाचन अयोध्या धाम से पधारीं देश की महान विदुषी देवी चंद्रकला द्वारा किया जा रहा है। श्रीराम कथा श्रद्धालुओं को मर्यादा पुरूषोत्तम की लीलाओं के सांथ अनुशासित जीवन और धर्म का संदेश भी दे रही है। गत शनिवार को कथा के सातवें दिन देवी चंद्रकला जी ने भरत चरित्र का सजीव वर्णन कर उपस्थित श्रोताओं को भावविव्हल कर दिया। अपनी विशिष्ट शैली मे प्रवचन करते हुए उन्होने बताया कि वनवास के दौरान श्रीराम भक्त केवट से मिलने के बाद चित्रकूट मे विश्राम कर रहे थे, तभी पिता दशरथ ने उनका चिंतन करते हुए अपने प्राण त्याग दिये। ऐसी स्थिति में भरत को ननिहाल से बुलाकर महाराज दशरथ का अंतिम संस्कार करवाया गया। इससे भरत के मन मे अपनी माता के प्रति रोष उत्पन्न हो गया। उन्होंने राजगद्दी संभालने की बजाय उसे ठुकरा कर प्रभु के प्रेम को स्वीकार किया। भारत के इसी त्याग ने उन्हे श्रेष्ठता प्रदान की। देवी चंद्रकला ने कहा कि परिस्थितियों से भागने वाले को कभी शांति व सुख प्राप्त नहीं होता। यह प्रेरणा हमे भगवान श्रीराम के जीवन से मिलती है। श्रीराम कथा का श्रवण करने हजारों की संख्या मे लोग महुरी पहुंच रहे हैं।