ढाई लाख रूपये घूंस मांग रहा था वीरेन्द्र बाबू

ढाई लाख रूपये घूंस मांग रहा था वीरेन्द्र बाबू
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग के लिपिक को किया निलंबित
बांधवभूमि, उमरिया
धांधली, फर्जीवाड़ा और रिश्वतखोरी के लिये लंबे समय से बदनाम रहे स्वास्थ्य विभाग के बाबू वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एक बार फिर निलंबित कर दिया है। इस बार मामला ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर के सप्लायर से घूंस लेने का है। बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले मे ऑक्सीजन सिलेण्डर सप्लाई करने का कार्य भोपाल की फर्म ओम इंजीनियर सर्विसेस को आवंटित किया गया था। त्रिपाठी बाबू इस काम के लिये कम्पनी से ढाई लाख रूपये मांग रहे थे। इतना ही नहीं उन्होने दबाव बना कर पहले 50 हजार रूपये अपने खाते मे डलवाये फिर जा कर सामग्री का टेण्डर खोला और कार्यादेश जारी करवाया। बताया गया है कि जब सिलेण्डरों से भरा ट्रक उमरिया पहुंचा, तब वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने सप्लायर से बाकी बची रकम की मांग की। इसी जद्दोजहद मे ट्रक तीन दिन तक स्टोर के सामने खड़ा रहा। इस मामले की शिकायत कम्पनी के प्रतिनिधि अजुब मिश्रा ने कलेक्टर से की थी। जिस पर उन्होने वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी सहायक वर्ग-2 कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि मे उनका मुख्यालय जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय नियत किया गया है।
सीएमएचओ की समझाईश भी नहीं मानी
भ्रष्ट बाबू वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी के हौंसले इतने बुलंद थे, कि उन्होने सीएमएचओ डॉ. आरके मेहरा की बात तक मानने से इंकार कर दिया। बताया गया है कि कम्पनी द्वारा जब तीन दिन तक ट्रक रोकने तथा 50 हजार रूपये लेने की शिकायत की गई तो सीएमएचओ ने बाबू से तत्काल पैसा लौटाने को कहा परंतु उन्होने इससे साफ इंकार कर दिया।
अप्रेल मे हुए थे बहाल
सूत्रों के वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी को इससे पहले कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिये मिली 25 लाख रूपये की राशि मे हेराफेरी व फर्जीवाड़ा कर सामग्री खरीदने के मामले मे निलंबित किया गया था। इस मामले मे वे 8 अप्रेल 2021 को बहाल किये गये थे। इस अनियमितता की जांच अभी चल रही है।

 

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