चंदिया की उपेक्षा से सुलगा असंतोष, रेल प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर दी चेतावनी
बांधवभूमि, उमरिया
रेलवे द्वारा लगातार की जा रही जिले की उपेक्षा और इस मुद्दे पर सत्तासीन नुमाईन्दों के मौन से नागरिकों मे असतोष गहराता जा रहा है। रोजाना करोड़ों रूपये की कमाई करने के बावजूद प्रशासन सौगात देने की बजाय वर्षो से मिल रही सुविधायें छीनता जा रहा हैं। आलम यह है कि कई स्टेशन तो अब केवल थ्र्रू गाडिय़ों को झण्डी दिखाने के काम की रह गई हैं। इसी मुद्दे पर चंदिया मे कल नागरिकों ने बडा प्रदर्शन किया और साफ तौर पर यह चेतावनी भी दे डाली कि यदि 15 दिनो मे ट्रेने नहीं रूकी तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
हर गुहार हुई बेअसर
चंदिया स्टेशन के समीप एकत्रित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता और समाजसेवी मिथिलेश पयासी ने कहा कि इस शहर से करीब 85 गावों के लोग जुड़े हुए हैं। व्यापार और उपचार के लिहाज से हमने जबलपुर-अंबिकापुर ट्रेन के स्टापेज की मांग की थी। वो तो नहीं मिली, लेकिन कोरोना के पहले तक जो टे्रने रूकती थी, उनका ठहराव भी छीन लिया गया। इस संबंध मे कई बार रेल मंत्रालय से लेकर प्रशासन तक पत्राचार और मौखिक तरीके से गुहार लगाई गई, पर कोई असर नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि रेलवे यहां के लोगों की विनम्रता को उनकी कमजोरी समझ रहा है।
कलेक्टर से मिले नागरिक
प्रदर्शन के बाद नगर मे रेल समस्या निराकरण हेतु रेल प्रशासन के नाम का ज्ञापन चंदिया स्टेशन मास्टर को सौंपा गया। चंदिया के अलावा समिति ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को भी ज्ञापन सौंप कर अपनी मंशा जाहिर की।
कांग्रेस-भाजपा सांथ-सांथ
क्षेत्रीय संघर्ष समिति के तत्वाधान मे आयोजित कार्यक्रम मे कांग्रेस-भाजपा के नेताओं ने खुल कर अपनी सहभागिता प्रदान की। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शिवनारायण सिंह, मिथलेश मिश्रा, आशुतोष अग्रवाल, चंद्र प्रकाश द्विवेदी, पंकज तिवारी, मानू द्विवेदी, अखिल अग्रवाल, अनुपम चतुर्वेदी, विजय द्विवेदी, रविकांत त्रिपाठी, विक्रम सिंह, भोलू शर्मा, शुभम तिवारी, मुनाउर खान, पुरषोत्तम कोल (कंजा) राघव अग्रवाल, पवन गुप्ता, विनोद शुक्ला, गिरीश श्रीवास्तव, अनिल पयासी, सुनील गुप्ता, लालू वर्मा, सुजल तिवारी, एजाज खान, राजेन्द्र सोनी, अशोक अग्रवाल, अभय राज चौधरी, दुर्गा राय, लखन गड़ारी, गुरुदयाल रजक, मोती लाल कोरी, पुरषोत्तम कोल, शिवम यादव, मुकेश वर्मा, राजेश पांडे, सुरेंद्र मरकरहा सहित भारी संख्या मे क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
ट्रेन नहीं रूकी तो उग्र आंदोलन
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