टेस्टिंग मे ही खाली हो गया बांध
1470 करोड़ खर्च, फिर भी शुरू नहीं हो पा रही नगर पालिका की पेयजल योजना
बांधवभूमि, उमरिया
शहर की बढ़ती आबादी की प्यास बुझाने के लिये नगर पालिका द्वारा बनाई गई योजना वर्षो बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। हालत यह है कि अभी तक नई योजना से एक भी घर तक पानी नहीं पहुंचाया जा पा रहा है। बताया जाता है कि जैसे ही लाईनो मे पानी छोड़ा जाता है, वे फट कर रिसने लगती हैं। इसी वजह से मजबूरन नगर पालिका को अपने पुराने संयंत्र से आपूर्ति करनी पड़ रही है। सूत्रों का दावा है कि ठेकेदार द्वारा परियोजना की इतने बार टेस्टिंग की गई है, कि उमरार जलाशय खाली हो गया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 40 वर्ष से अधिक समय पूर्व बांध मे समाये गांव के अवशेष पहली बार ऊपर से ही दिखने लगे हैं। कुल मिला कर इस बार तापमान बढऩे के कारण पानी का संकट गहराने की आशंकाओं के बीच ठेकेदार की लापरवाही जनता पर भारी पडऩे वाली है।
मुख्यमंत्री कर चुके हैं लोकार्पण
उल्लेखनीय है कि इस योजना का लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीब 4 वर्ष पूर्व कर चुके हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि तत्कालीन अधिकारियों ने सीएम की आखों मे धूल झोंक कर अधूरी परियोजना का उद्घाटन करा दिया।
घटिया क्वालिटी का निर्माण
जानकारी मिली है कि उमरार जलाशय से नगर को पानी सप्लाई करने वाली इस परियोजना के लिये 1470 करोड़ रूपये की राशि आई थी। इसका ठेका गुजरात की एक्युआ पॉलिमर कम्पनी को मिला था। कम्पनी द्वारा बांध पर इंटकवेल, संयंत्र, टंकी के अलावा नगर मे पाईप लाईन बिछाने का काम किया गया है। यह काम इतना घटिया क्वालिटी का है कि आज तक एक बार भी शहर के इलाकों मे पानी आपूर्ति नहीं हो सकी। बताया गया है कि सप्लाई शुरू होते ही लाईने बस्र्ट हो जाती है, जिसे कई दिन सुधार करने के बाद भी हालत वही हो जाती है। कार्य के लिये आवंटित अधिकांश राशि का भुगतान हो चुका है।
जलप्रदाय शुरू होने पर ही शेष भुगतान
जल प्रदाय योजना के तहत नगर मे पाईप लाईन बिछाने का कार्य हो चुका है। तकनीकी खामियों को दूर कर जल प्रदाय शुरू होने पर ही एजेन्सी को शेष राशि का भुगतान किया जायेगा। इसके अलावा परियोजना का 5 वर्ष तक रखरखाव भी ठेकेदार को ही करना है। इसमे कोताही होने पर अनुबंध की शर्तो के मुताबिक कार्यवाही की जायेगी।
शशिकपूर गढ़पाले
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
उमरिया