टीबी की गिरफ्त मे अमड़ी अंचल
ग्राम पंचायत मे हो चुकी हैं कई मौतें, आये दिन सामने आ रहे नये केस
उमरिया। जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत अमड़ी मे टीबी का बढ़ता प्रकोप स्थानीय लोगों के लिये बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है। पंचायत मुख्यालय सहित अन्य ग्रामो मे आये दिन मरीज इस घातक रोग की चपेट मे आ कर मौत के मुंह मे समा रहे हैं, इसके सांथ ही रह-रह कर नये मामलो का सामने आना जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमड़ी क्षेत्र मे कई वर्ष पूर्व टीबी की महामारी ने घुसपैठ की थी, जिससे आज तक छुटकारा नहीं मिल सका है। उन्होने बताया कि बीते पांच वर्षो के दौरान दर्जनो लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट आ कर भगवान को प्यारे हो चुके हैं, वहीं अमड़ी और खैरा के कई ग्रामीण अभी भी रोग से संक्रमित बताये जाते हैं। अमड़ी ग्राम पंचायत मे टीबी के मामले क्यों बए़ रहे हैं और इसका निदान क्या है, इसे लेकर आज तक स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
बेटे के बाद बाप की हुई मौत
ग्राम पंचायत अमड़ी मे पैर जमा चुकी टीबी की बीमारी ने हालिया कुछ वर्षो मे कितने ही घरों की खुशियां छीन ली हैं। लगभग एक साल पहले ही गांव के एक आदिवासी गोवर्धन पिता पचईयां बैगा और उसके जवान बेटे शशि बैगा को इस रोग के जकड़ लिया। काफी दिनो तक जूझने के पश्चात अंतत: शशि बैगा ने दम तोड़ दिया। कुछ दिनो बाद ही पिता गोवर्धन की भी मौत हो गई। इसके अलावा किशन पिता चैतू यादव निवासी अमड़ी और विजय पिता नीरू बैगा निवासी ग्राम खैरा सहित कई लोगों की टीबी से मौत हुई है।
सामने आ सकते हैं कई और मामले
उल्लेखनीय है कि अमड़ी ग्राम पंचायत मे अमड़ी के अलावा अगनहुड़ी और खैरा गांव समाहित हैं। टीबी के अधिकांश मरीज अमड़ी और खैरा मे पाये जा रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार वर्तमान मे अमड़ी मे निवासरत नहेलाल अगरिया पिता मोलई अगरिया, रवि यादव पिता धुरपत और धनीराम पिता बहादुर बैगा तथा नानबाई पति लालजी व समय लाल पिता झुकरू बैगा आदि कई लोग इस जानलेवा बीमारी से ग्रसित हैं। उनका दावा है कि यदि ग्राम पंचायत मे सघन जांच अभियान चलाया जाय तो टीबी के कई और मरीज सामने आ सकते हैं।
कुपोषण भी है बड़ी समस्या
अमड़ी पंचायत मे कुपोषण भी एक बड़ी समस्या है। गांव के मनोहर बैगा पिता बाबूलाल बैगा के तीनों बच्चों को आंख मे नहीं दिखता। इनकी उम्र 2 से 8 वर्ष के बीच है। इसी तरह कई बच्चे बेहद कमजोर और अविकसित हैं। स्थानीय लोग कुपोषण को ही टीबी जैसी बीमारियों की जड मानते हैं। उनका कहना है कि यदि बच्चों का सही ढग़ से पोषण हो तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है।
ध्यान दे सरकार और प्रशासन
आदिवासी बाहुल्य अमड़ी ग्राम पंचायत के कई लोग टीबी से ग्रसित हैं। गरीबी और जानकारी का आभाव यहां की बड़ी समस्या है। जैसे ही जानकारी मिलती है, हम लोग बीमारों को इलाज दिलाने का प्रयास करते हैं। सरकार और प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिये।
राजीव सिंह बघेल
अधिवक्ता एवं समाजसेवी, कारीमाटी
टीम भेज कर करायेंगे जांच
अमड़ी ग्राम पंचायत मे टीबी की बीमारी फैलने के मामले की टीम भेज कर जांच कराई जायेगी। इस संबंध मे सभी प्रकार के जरूरी कदम उठाये जायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव
कलेक्टर, उमरिया