नई दिल्ली । कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन से उबरने की चुनौतियों को लेकर ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 समिट में भाग लेने के लिए न्योता भेजा है। यह सम्मेलन जून में ब्रिटेन के कॉर्नवॉल में होना है। बोरिस जॉनसन के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन के कॉर्निवॉल में 11 से 13 जून तक चलने वाले जी 7 शिखर सम्मेलन में विश्व के सात प्रमुख देशों के नेता कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन से उबरने की चुनौतियों को लेकर चर्चा करेंगे। दरअसल जी-7 समूह में दुनिया की प्रमुख सात आर्थिक शक्तियां- ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका- और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जॉनसन ने दुनिया के लोकतांत्रिक और तकनीकी रूप से उन्नत देशों के बीच सहयोग को तेज करने के लिए जी 7 शिखर सम्मेलन का उपयोग करने की योजना बनाई है। उनके बीच, 10 नेता दुनिया भर के लोकतंत्रों में रहने वाले 60फीसदी से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यूके, जी 7 के सरकारी मंत्रियों के बीच, वस्तुतः और पूरे ब्रिटेन में अलग-अलग स्थानों में कई बैठकों की मेजबानी करेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया के 50 फीसदी से ज्यादा वैक्सीन की आपूर्ति करता है। यूनाइटेड किंगडम और भारत ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान एक साथ मिलकर काम किया है। हमारे प्रधानमंत्री लगातार बातचीत करते रहते हैं और पीएम जॉनसन ने कहा है कि जी-7 सम्मेलन से पहले वो भारत का दौरा करेंगे। इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में जॉनसन को चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया गया था, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों उनका दौरा रद्द हो गया। जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहते हैं। हर एक सदस्य देश बारी-बारी से इस ग्रुप की अध्यक्षता करता है और सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है।
जी7 सम्मेलन के लिए ब्रिटिश पीएम ने दिया मोदी को आमंत्रण
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