जी-20 के देश वैश्विक चुनौतियों पर आम सहमति बनाने का काम करेें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश मंत्रियों की बैठक मे वीडियो से दिया संदेश
नई दिल्लीरायसीना डायलॉग का 8वां संस्करण आज से दिल्ली में शुरू हो गया। इसकी चीफ गेस्ट इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी हैं। गुरुवार को दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेलोनी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे चहेते नेता हैं। ये साबित हो चुका है कि वो कितने बड़े लीडर हैं। इसके लिए उन्हें बधाई। ये बातें सुनकर दूसरे डायस पर खड़े मोदी हंसते नजर आए। यहां मोदी ने भारत और इटली के बीच स्टार्ट-अप ब्रिज का ऐलान किया।मोदी ने कहा- हमारे डिप्लोमेटिक रिलेशंस 75 साल से हैं, लेकिन अब तक डिफेंस रिलेशंस नहीं थे। आज इसकी भी शुरुआत कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों देश रिन्यूएबल एनर्जी, हाइड्रोजन, IT, टेलिकॉम, सेमीकंडक्टर्स और स्पेस से जुड़े मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे।
भारत-इटली के रिश्ते मजबूत हैं : मेलोनी
मेलोनी ने कहा- भारत के साथ हमारे रिश्ते बेहद मजबूत हैं। हम स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बनाए रखने के लिए काम करते रहेंगे। मोदी जानते हैं कि वो दोनों देशों के संबंधों को बढ़ाने के लिए हम पर भरोसा कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत, रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने में अहम रोल निभा सकता है। दुनिया को साथ रखना जरूरी है।इस पर मोदी ने कहा- यूक्रेन जंग की शुरुआत से ही भारत ने साफ किया है कि इस विवाद को बातचीत और डिप्लोमेसी से ही सुलझाया जा सकता है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है। हम इंडो-पैसिफिक में इटली की सक्रिय भागीदारी का भी स्वागत करते हैं। बहुत खुशी की बात है कि इटली ने इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव में शामिल होने का फैसला किया है।रायसीना डायलॉग की चीफ गेस्ट हैं मेलोनी मेलोनी रायसीना डायलॉग की चीफ गेस्ट हैं। ये बैठक 3 दिन (2-4 मार्च) चलेगी। इसमें 100 से ज्यादा देश के रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल हो रहे हैं। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम 6:30 बजे किया। ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस लिहाज से इसे काफी अहम माना जा रहा है।
इस बार 100 से ज्यादा देश होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रायसीना डायलॉग 2023 में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, सैन्य कमांडर, इंडस्ट्रीज लीडर्स, टेक्नोलॉजी लीडर्स, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल हैं।इसे विदेश मंत्रालय ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित करता है। पिछले आठ सालों में रायसीना डायलॉग का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों पर लगातार बढ़ रहा है। साथ ही इस समारोह की पहचान मेजर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के रूप में हुई है।
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