जिला पंचायत विवाद मे भाजपा नेता को सुनाई सजा

15 वर्ष बाद आया न्यायालय का फैंसला, निर्वाचन के दौरान हुई थी घटना
उमरिया। वर्ष 2005 मे जिला पंचायत उमरिया के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के समय भाजपा नेताओं और पुलिस के सांथ हुई भिड़ंत मामले मे न्यायालय ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष मिथिलेश पयासी को दोषी मानते हुए 2 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले मे अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। जिले मे किसी राजनैतिक विवाद मे सुनाई गई यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है। दरअसल घटना उस समय हुई, जब जिला पंचायत उमरिया के सदस्यों का प्रथम सम्मिलन और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का निर्वाचन हो रहा था। 23 फ रवरी 2005 के दिन जिला पंचायत भवन मे यह कार्यवाही चल रही थी, लिहाजा जिला पंचायत के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये गये थे, तभी मिथिलेश पयासी और उनके कुछ साथी वहां पहुंचे। श्री पयासी तथा अन्य भाजपा नेताओं ने वातावरण जानने के लिये अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया, जिस पर वहां तैनात एसडीओपी तथा अन्य अधिकारियों ने उन्हे रोकने की कोशिश की।
शरारती तत्वों ने किया पथराव
जिला पंचायत मे प्रवेश को लेकर पुलिस और भाजपा नेताओं मे तनातनी चल ही रही थी, इसी दौरान किसी शरारती तत्वों ने पीछे से पथराव कर दिया। जिसमे पुलिस के कुछ अधिकारी घायल हो गये। घायलों मे कई महिला पुलिस कर्मी भी शामिल थीं। पथराव से बिफरी पुलिस ने जवाब मे लाठी चार्ज कर दिया। इस घटना मे कई भाजपा नेता, नागरिक और पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे।
बरी हुए कई दिग्गज
इस मामले मे पुलिस द्वारा मिथिलेश प्यासी, बृजेश पाटकर, राम किशोर चतुर्वेदी, राजेंद्र तिवारी, अशोक तिवारी, आशुतोष अग्रवाल जैसे दिग्गजों सहित भरत अग्रवाल, ज्ञानेंद्र सिंह, नरेश आहूजा, रमेश गुप्ता तथा अन्य सैकड़ों लोगो के विरूद्ध धारा 147, 148, 149, 353, 323, 336, 427, 447 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना शुरू की गई थी। लगभग 15 साल बाद आये फैंसले मे श्री पयासी को छोड़ कर शेष सभी को दोष मुक्त कर दिया गया है।
इन धाराओं मे सुनाई सजा
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अभिषेक कुमार द्वारा भादवि की धारा 147, 332 सहपठित धारा 149 का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर धारा 147 के अंतर्गत 1 वर्ष का साधारण कारावास तथा 2000 अर्थदंड एवं धारा 332 सहपठित धारा 149 के अंतर्गत 2 वर्ष का साधारण कारावास तथा 5000 अर्थदंड से आरोपित किया गया है। शासन की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी बीके वर्मा एवं एडीपीओ नीरज पांडे ने की।

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