पार्क प्रबंधन की अपील, गुफा मार्ग पर जंगली हाथियों की मौजूदगी का अंदेशा
बांधवभूमि, उमरिया
प्रति वर्ष अगहन मांह की पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम मे शामिल होने कबीर पंथियो का बांधवगढ़ आना शुरू हो गया है। इस बीच टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने कबीर पंथियों से गुफा तक पैदल की बजाय जिप्स्यिों से जाने की अपील की है। उन्होने बताया कि बीते कई दिनो से सिद्ध बाबा, शेष शैय्या, राज बहेरा सहित कबीर गुफा के मार्ग मे लगातार जंगली हाथियो का विचरण देखा जा रहा है। हाल ही मे उन्होने कैम्पों मे घुस कर तोडफ़ोड़ तथा पार्क के पालतू हाथियों पर हमले की कई कोशिशें की हैं। ऐसे मे जंगली हाथी श्रद्धालुओं के लिये बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसे ध्यान मे रखते हुए उन्हे जिप्सियों मे कबीर गुफा तक जाने की अनुमति दी गई है।
जन्माष्टमी पर नहीं मिली थी अनुमति
उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांधवगढ मे आयोजित मेले और श्रद्धालुओं को श्रीराम-जानकी मंदिर मे पूजा-अर्चना की अनुमति इस बार पार्क प्रबंधन द्वारा नहीं दी गई थी। जिस पर काफी विवाद भी हुआ था। इतना ही नहीं जिला प्रशासन और नेशनल पार्क अथॉरिटी के निर्णय के खिलाफ पूर्व रीवा रियासत के नरेश महाराजा पुष्पराज सिंह व युवराज दिव्यराज सिंह अपने कई समर्थकों और श्रद्धालुओं के सांथ धरने पर बैठ गये। रात भर चले विरोध प्रदर्शन के बाद सुबह उन्हे जिप्सियों मे मंदिर जाने की परमीशन दी गई थी।
यह होंगे कार्यक्रम
ताला पहुंचे संत कबीर दास जी के अनुयाइयों ने बताया कि मुक्तामणि अवतार प्रथम वंशगुरु पूज्यनीय हुजुर चुरामणि नाम साहेब जी के प्राकट्य दिवस अगहन पूर्णिमा पर 15वें वंश गुरू प्रकाश मुनि नाम साहेब जी के सानिध्य मे वृहद आयोजन होंगे। इस अवसर पर लोग उद्यान के अंदर स्थित सदगुरु कबीर साहब गुफा मंदिर, धर्मदास साहब एवं आमीन माता मंदिर, कबीर चबूतरा उपदेश स्थल, कबीर तलइया के दर्शन लाभ प्राप्त कर संतश्री की आराधना करेंगे।
1520 मे बांधवगढ़ आये थे कबीरदास
कहा जाता है कि धर्मदास साहेब के भावपूर्ण आमंत्रण को स्वीकार कर सदगुरू कबीर दास संवत 1520 मे उनके गृह बांधवगढ़ पधारे थे। पार्क मे कबीर तलैया के पास ही कबीर चबूतरा है, जिसका निर्माण बांधवगढ़ नरेश वीरभानु ने करवाया था। यहीं पर बैठकर कबीर साहब अपने शिष्यगण धर्मदास साहब, माता आमिन, श्रुतिगोपाल साहब, हंसोबाई, चूरामणि नाम साहब, जागु साहब, भगवन साहब तथा राजा वीरसिंह देव, रानी इंदुमती, रानी कमलावती तथा वीरभानु उर्फ रामसिंह आदि को सत्संग सुनाया करते थे। कबीर गुफा मंदिर का निर्माण धनि धर्मदास साहब जी ने सन 1463 मे कबीर साहब के विश्राम के लिये करवाया था। इस तिथि पर देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु संत कबीर से जुड़ी स्मृतियों के दर्शन व पूजा-अर्चना करने बांधवगढ़ पहुंचते हैं।
सलाहकार समिति की बैठक स्थगित
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने बताया है कि आगामी 7 दिसंबर को आयोजित स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है। आगामी बैठक की सूचना पृथक से दी जायेगी।
जिप्सियों पर बांधवगढ़ जांय कबीर पंथी
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