जितनी नौकरी 10 साल मे हमने दी, 19 साल मे एक चौथाई भी नहीं मिली

रीवा मे दिग्विजय सिंह ने की पत्रकार वार्ता
रीवा। मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का बैकलॉग है। एससी और एसटी के पद भरते क्यों नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि जितनी नौकरी 10 साल में हमने दी है। मलतब 1993 से 2003 के बीच। उसकी एक चौथाई नौकरी भी भाजपा की सरकार ने 19 साल में नहीं दी है। प्रदेशभर में अधिकारी राज चल रहा है। पंगु बना दिया है निर्वाचित लोगों को। नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जनपद, जिला व सरपंचों को कोई अधिकार नहीं है। कोई विरोध करता है तो झूठे प्रकरण दर्ज किए जा रहे है।गलती एक करता है। सजा पूरे परिवार को दी जाती है। गरीब व आदिवासियों को डराया जा रहा है। मुस्लिम समाज में भय का वातावरण है। आदिवासियों की जमीन कलेक्टर बेचवा रहे है। पेसा एक्ट का दिखावा किया जा रहा है। मैं बुलडोजर संस्कृति के खिलाफ हूं। उक्त बातें रीवा राजनिवास (सर्किट हाउस) में पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा दिग्विजय सिंह ने कही।
विधानसभा में बजट तक की चर्चा नहीं होती
हमारे कार्यकाल में विधानसभा एक से डेढ़ महीना चलती थी। आज बजट तक में चर्चा नहीं होती है। हां की जीत हुई हां की जीत हुई बजट पास। श्रीनिवास तिवारी हमारे अध्यक्ष। तब सबसे ज्यादा सदन दिग्विजय के कार्यकाल पर चली है। अब न कोई सुन रहा है। न देख रहा है। हमारे पूर्व मंत्री व युवा नेता जीतू पटवारी ने सरकार की नीतियों का विराध किया। उनको विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। जबकि उनकी मांग जायज थी।
पठान फिल्म की एंट्री
इन्हें हर चीज पर हिंदुत्व पर खतरा दिखता है। उन पर मुकदमा दर्ज करने के लिए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा उधार बैठे रहते है। लेकिन रतलाम में महिला बॉडी बिल्डिंग के मंच पर अर्धनग्न महिलाओं का प्रदर्शन नहीं दिखा। वहां बजरंग बली की मूर्ति के समाने फूहड़ पन हुआ। पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। पठान फिल्म में दीपिका पादुकोण के ड्रेस को देश में मुद्दा बना दिया गया। लेकिन हनुमान जी के सामने इन महिलाओं का जो प्रदर्शन हुआ। तब हिंदुत्व कहना है। विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस और बजरंगदल क्या कर रहा है।
ठोक बजाकर देंगे टिकट
कमलनाथ की डेढ़ साल में ही सरकार गिरने पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी। कहा कि इस बार ठोक बजाकर टिकट देंगे। तब सिंधिया जी के कहने पर विधायक बिक गए। खूब रुपए विधायकों ने बटोरे है। ये रुपए कहां से आते है। कहां गई ईडी और सीबीआई। 2023 चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नजर विंध्य इलाके पर है। ये वही इलाका है जिसने साल 2018 में कांग्रेस की जीत में साथ नहीं दिया था। वो बीजेपी के साथ रहा था। इसलिए कांग्रेस अब यहां अपनी खोई हुई जमीन तलाश रहीं हैं।
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