जहां हो स्टोन क्रेसर वहां हरियाली भी जरूरी

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिये क्रेसर संचालकों को निर्देश
उमरिया। जहां स्टोन क्रेसर हों वहां पर्यावरण का पूरा ख्याल रखा जाए। वहां हरियाली भी हो इसका ख्याल रखा जाना चाहिए। तीन महीने के अंदर उन सभी निर्देशों का पालन होना चाहिए जो पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी है। ये निर्देश मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रण बोर्ड ने स्टोन क्रेसर संचालकों को दिए हैं। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, प्रयोगशाला प्रभारी, कनिष्ट वैज्ञानिक आदि समय-समय पर इस बारे मे निर्देश देते रहते हैं। इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि क्रेसर वायु प्रदूषण फैला रहे हैं और उन नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं जिसके आधार पर क्रेसर के संचालन की उन्हें अनुमति दी गई है। क्रेसर संचालकों से कहा गया है कि वे तीन महीने के अंदर अपनी सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त कर लें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्रेसर मे वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम। छन्ने को टिन कव्हर से पूर्णत: कव्हर्ड हो जाना चाहिए। विंड ब्रेकिंग वॉल का निर्माण आवश्यक रूप से कराया जाना चाहिए। परिसर मे डस्ट की रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव कराया जाना चाहिए। ग्रीन बेल्ट के निर्माण के नियमों का पूर्णता पालन होना चाहिए। सिर्फ क्रेसर में ही नहीं कहीं भी प्रदूषण नियत्रंण नियमों का पालन नहीं हो रहा है। क्रेसरों मे उक्त नियमों के पालन का निर्देश हमेशा दिया जाता है पर पालन बिल्कुल नहीं होता। शहर के निजी अस्पतालों में अपशिष्ट प्रबंधन के मामले मे भी यही हाल है। शहर के होटलों में और बांधवगढ़ के रिसॉर्टस मे भी नियम नहीं माने जा रहे हैं। पॉलिथिन के खिलाफ कभी-कभार अभियान चलाया जाता है जबकि बाकी दिनों खुलकर इसका प्रयोग हो रहा है।

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