नई दिल्ली। डीवाई चंद्रचूड़ के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस निपटाने के लिहाज से गजब की रफ्तार पकड़ी है। जस्टिस चंद्रचूड़ के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद से अब तक कोर्ट में 6844 मामलों का निपटारा किया है। पदभार संभालने के बाद से ही वह कोर्ट के कामकाज में सुधार की बात करते रहे हैं। सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने अब तक के कामकाज में तेजी दिखाते हुए अन्य लोगों के लिए नजीर पेश की है।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने नवंबर में एक पूर्ण अदालत की बैठक में फैसला किया था कि सभी 13 पीठ वैवाहिक विवादों से संबंधित 10 स्थानांतरण याचिकाओं और मामलों की पेंडेंसी को कम करने के लिए रोजाना इतनी ही संख्या में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने शपथ लेने के बाद कहा था कि एक पूर्ण अदालत की बैठक के बाद हमने फैसला किया है कि प्रत्येक पीठ 10 स्थानांतरण याचिकाएं उठाएगी जो पारिवारिक मामले हैं इसके बाद शीतकालीन अवकाश से पहले ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए हर दिन 10 जमानत मामले होंगे।उनहोंने कहा था कि जमानत के मामलों को प्राथमिकता देने की जरूरत है क्योंकि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं। वहीं शीर्ष अदालत ने कहा था कि वैवाहिक मामलों से संबंधित 3000 याचिकाएं लंबित हैं जहां पक्षकार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में 13 पीठें रोजाना मुकदमो की सुनवाई के लिए बैठती हैं अगर प्रत्येक पीठ रोजाना 10 केस निपटाएगी तो एक दिन में 130 मुकदमें निपट जाएंगे।मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने औसतन हर रोज 236 मामलों का फैसला किया। इनमें से 90 मामले जमानत और ट्रांसफर याचिका के थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा था कि उन्होंने पूरक सूची में अंतिम समय में सूचीबद्ध होने वाले मामलों की संख्या में कटौती करने का फैसला किया है ताकि न्यायाधीशों पर बोझ कम हो सके जो देर रात तक मामले की फाइलों को देखने के लिए मजबूर हैं। शीर्ष अदालत के सूत्रों ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने भी जमानत याचिकाओं और वैवाहिक स्थानांतरण मामलों को प्रधानता देकर मामलों की सूची को सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया है।
जस्टिस चंद्रचूड़ के सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद 6844 मामलों का किया निपटारा
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