टेरर फंडिंग केस में पुलवामा से एक पत्रकार हिरासत में
NIA पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के मुखिया और सदस्यों की आतंकी गतिविधियों को लेकर छापेमारी कर रहा है। ये संगठन साइबर स्पेस का इस्तेमाल करके माइनॉरिटीज और सिक्योरिटी पर्सनल को टारगेट कर रहे थे और समुदायों के बीच अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
पाकिस्तानी हैंडलर्स के कहने पर आतंक फैलाते हैं प्रतिबंधित संगठन
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तानी कमांडर्स और हैंडलर्स के कहने पर कई प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े छोटे ऑर्गेनाइजेशन फर्जी नाम रखकर घाटी में आतंक फैलाने का काम करते हैं। ये छापेमारी इसी आपराधिक साजिश का पर्दाफाश करने के लिए की जा रही है।NIA ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए पिछले साल 21 जून को केस दर्ज किया था। एजेंसी ने पिछले साल 23 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर में 14 लोकेशंस पर छापेमारी की थी। इन लोकेशंस में कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग, सोपोर और जम्मू शामिल है। तब भी एजेंसी को कई डिजिटल डिवाइस, सिम कार्ड्स और डिजिटल स्टोरेज डिवाइसेज बरामद हुए थे।
सोमवार को भी की गई थी श्रीनगर मेंरेड
NIA ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में छापेमारी की थी। ये छापेमारी ISIS के केरल मॉड्यूल की जांच से जुड़ी थी। यह छापेमारी श्रीनगर के करफली मोहल्ला हब्बाकदल के फारुक अहमद के बेटे उजैर अजहर भट के घर हुई। टीम का कहना है कि उजैर इस मॉड्यूल में संदिग्ध है। इस दौरान NIA ने कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए।NIA ने बताया कि कार्रवाई साल 2021 में केरल के मल्लपुरम से आतंकी अमीन उर्फ अबु याहिया की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई। याहिया टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और ह्वूप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए जिहादी सोच को लोगों तक पहुंचा रहा था। इसके जरिए ISIS मॉड्यूल में नए सदस्यों की भर्ती भी की जा रही थी। याहिया और उसके सहयोगी कश्मीर में टारगेट किलिंग में भी शामिल थे।