हमलावरों ने फायरिंग की, ग्रेनेड अटैक का भी शक, झुलसकर जवानों की मौत
जम्मू।जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे सेना के ट्रक पर आतंकियों ने फायरिंग की। इसके बाद ट्रक में आग लग गई, जिसमें झुलसकर 5 जवान शहीद हो गए। सेना को शक है कि अज्ञात आतंकियों ने ट्रक पर ग्रेनेड भी फेंके। आग इसी से लगी।नॉर्दर्न कमांड हेडक्वार्टर की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जवानों को लेकर ट्रक भिंबर गली से पुंछ की तरफ जा रहा था। बारिश हो रही थी। विजिबिलिटी भी काफी कम थी। आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया। हमले में एक जवान गंभीर रूप से घायल भी हुआ है। उसे राजौरी में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।बयान में यह भी बताया गया कि शहीद हुए जवान राष्ट्रीय रायफल्स यूनिट के थे। उन्हें इस इलाके में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशंस में लगाया गया था। इससे पहले सेना के एक अधिकारी ने बताया था कि जवानों की मौत ट्रक में आग लगने की वजह से हुई। शक यह भी जताया जा रहा था कि बिजली गिरने से ट्रक में आग लगी।इसी साल 11 जनवरी को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना का अफसर और 2 जवान शहीद हो गए थे। ये तीनों भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के सैनिक थे। एक JCO (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और 2 OR (अन्य रैंक) का ये दल रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ के कारण उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी।मरने वालों के नाम नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार, हवलदार अमरीक सिंह और सिपाही अमित शर्मा थे।
पिछले साल दिसंबर में गई थी 16 जवानों की जान
पिछले साल दिसंबर में सिक्किम के जेमा में आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था, इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। आर्मी की दो वैन और थी। तीनों वाहन चटन से थंगू के लिए निकले थे। रास्ते में ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा। इस हादसे में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें बाद में एयरलिफ्ट किया गया था।
पिछले साल दिसंबर में सिक्किम के जेमा में आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था, इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। आर्मी की दो वैन और थी। तीनों वाहन चटन से थंगू के लिए निकले थे। रास्ते में ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा। इस हादसे में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें बाद में एयरलिफ्ट किया गया था।
नवंबर में माछिल में हुआ था हादसा
पिछले साल नवंबर में भी कुपवाड़ा के माछिल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। 2 जवानों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित निकाला गया था। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के पांच जवान रूटीन गश्त पर थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन जब तक जवानों को निकाला गया, तब तक 3 की मौत हो चुकी थी।
पिछले साल नवंबर में भी कुपवाड़ा के माछिल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। 2 जवानों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित निकाला गया था। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के पांच जवान रूटीन गश्त पर थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन जब तक जवानों को निकाला गया, तब तक 3 की मौत हो चुकी थी।
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