उमरिया। जनपद क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों मे हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर शहर से लेकर गांव तक पलीथिन का उपयोग हो रहा है। जिला प्रशासन व नगर प्रशासन पलिथीन विक्रय पर नकेल कसने मे नाकाम साबित हो रहे हैं। जिसके चलते बाजारों मे बेरोकटोक पलीथिन का उपयोग किया जा कर खुले मे फेंक दिया जाता है। जिससे मवेशी उनको अपना आहार बना लेते हैं और जानवर बीमारी का शिकार हो जाते हैं। रोजमर्रा की चीजों को जो घर से कचरा के रूप मे निकलते हैं उसे पलीथिन मे भरकर खुले मे फेंक दिया जाता है जिसे जानवर खा लेते हैं। बाजार मे भी सब्जियां व अन्य सामग्रियों को पलीथिन मे ही दिया जा रहा है। बुद्घिजीवी वर्ग भी पलीथिन खरीदकर उपयोग करने से नहीं चूकते और घर से थैला ले जाना मुनासिब नहीं समझते।
जमकर हो रहा पॉलीथिन का उपयोग
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