चंदिया मे रेल प्रशासन की उपेक्षा का विरोध, शुरू हुआ कृमिक अनशन
बांधवभूमि, उमरिया
सोमवार का दिन चंदिया मे जनाक्रोष के नाम रहा। रेलवे की उपेक्षा और अन्याय के विरूद्ध मे उमड़े जनसमुदाय ने हुक्मरानो और हाकिमो को नकेवल अपनी ताकत का एहसास कराया बल्कि यह संदेश भी दे दिया कि अब क्षेत्र के सांथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आंदोलन के समर्थन मे जहां व्यापारियों ने अपने कारोबार बंद रखे, वहीं इसमे अपनी सहभागिता भी प्रदान की।
बच्चे और बुजुर्ग भी हुए शामिल
रेलवे द्वारा छीने गये ट्रेनो के स्टापेज और अन्य समस्याओं के खिलाफ कल से चंदिया मे कृमिक अनशन शुरू हो गया है। इससे पूर्व क्षेत्रीय संघर्ष समिति द्वारा स्थानीय टाऊन हाल से एक विशाल जुलूस निकाला गया, जिसमे गणमान्य नागरिकों के अलावा हजारों की तादाद मे युवा, बुजुर्ग, महिलायें और बच्चे शामिल थे। इस दौरान दूर-दूर तक केवल लोगों का हुजूम ही दिखाई पड़ता था। यह जुलूस नगर के मुख्य मार्गो से भ्रमण करते हुए रेलवे स्टेशन के समीप पहुंचा। जहां नेताओं के उद्बोधन के उपरांत कृमिक अनशन प्रारंभ हो गया। पहले दिन 10 लोगों का जत्था अनशन पर बैठा है। जिनमे अरविंद प्रसाद चतुर्वेदी, विनोद शुक्ला, गिरीशचंद्र श्रीवास्तव, वंशस्वरूप शर्मा, मु,िख्तयार खान, मुकेश तिवारी, कादिर अली, अय्यूब अली, बलभद्र मिश्रा, रफीक मंसूरी शामिल हैं।
हर दल ने दिया समर्थन
चंदिया के आंदोलन मे गजब की एकजुटता दिखाई दे रही है। इसेे भाजपा-कांग्रेस के अलावा सभी जाति धर्म के लोगों का समर्थन हासिल है। कल जुलूस के बाद मंच पर भी यह नजारा साफ दिखाई दिया जहां भाजपा के विधायक शिवनारायण सिंह, वरिष्ठ नेता मिथलेश मिश्रा, आशुतोष अग्रवाल, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, अरविन्द चतुर्वेदी, रामनारायण प्यासी, विनोद शुक्ला, पंकज तिवारी जैसे चेहरे मौजूद रहे। वहीं कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष मुकेश तिवारी, श्रीमती सावित्री सिंह, उदयप्रताप सिंह, मनोज द्विवेदी, विक्रम सिंह, राघव अग्रवाल, चंदन सिंह, वंशस्वरूप शर्मा, मोहित सिंह, मुख्तियार खान, नारायण सिंह आदि कई नेताओं ने अपनी सहभागिता प्रदान की।
रेलवे का हठधर्मिता जारी
क्षेत्र मे उपजे जनाक्रोष के बावजूद रेलवे की हठधर्मिता जारी है। पूर्व की तरह कल भी प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी निभाने मे कोताही बरती। इस मौके पर आंदोलनकारियों से चर्चा करने जिम्मेदार अथॉरिटी की बजाय छोटे-मोटे अधिकारियों को भेजा गया। जिनके द्वारा रटा-रटाया आश्वासन दिया गया कि रेलवे आपकी मांगों को लेकर गंभीर, जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जायेगा।
धैर्य की परीक्षा न ले रेलवे
उधर क्षेत्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा का कहना है कि आंदोलन का मकसद कोई नई सौगात पाना नहीं है। हम तो केवल कोरोना से पूर्व रूक रही ट्रेनो का स्टापेज यथावत करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा अंबिकापुर-जबलपुर के ठहराव की पुरानी मांग पूरी की जाय। श्री मिश्रा ने कहा कि अब संघर्ष शुरू हो गया है, रेलवे जनता के र्धर्य की परीक्षा न ले। यदि शीघ्र ही सभी ट्रेनो का स्टापेज पूर्ववत नहीं हुआ तो लोगों के पास रेलों को रोकने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
जनसमूंह ने उड़ाई हुक्मरानो की नींद
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